नागपुर। बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ ने पूर्व विधायक बच्चू कडू (Bachchu Kadu) के नेतृत्व (suo motu cognizance) में वर्धा रोड पर हुए विशाल विरोध प्रदर्शन का बुधवार को स्वतः संज्ञान लिया। प्रदर्शन के कारण वर्धा रोड पर यातायात में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ। उच्च न्यायालय ने प्रदर्शनकारियों को तुरंत हाईवे खाली करने का निर्देश दिया। रिपोर्टों में कहा गया है कि कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर 10,000 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों ने वर्धा रोड का लगभग 20 किलोमीटर लंबा हिस्सा जाम कर दिया था, जिससे सभी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी। इस भीषण जाम के कारण निजी वाहन, एम्बुलेंस, पुलिस वैन और हवाई अड्डे व प्रमुख अस्पतालों की ओर जाने वाले यात्री बुरी तरह प्रभावित हुए।
न्यायमूर्ति रजनीश आर. व्यास की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि यह राजमार्ग नागपुर हवाई अड्डे, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, सुरेटेक अस्पताल, कई स्कूलों और समृद्धि एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करना नागरिकों के स्वतंत्र आवागमन के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। पीठ ने बताया कि पुलिस ने मौजा परसोड़ी के पास कपास अनुसंधान केंद्र में 28 अक्टूबर, 2025 को सुबह 11 बजे से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी। इसलिए, निर्धारित समय से अधिक समय तक जारी प्रदर्शन को गैरकानूनी और जन सुविधा के लिए हानिकारक माना गया। न्यायमूर्ति व्यास ने कहा, "न्यायपालिका की भूमिका केवल निर्णय देने तक ही सीमित नहीं है। उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "विरोध करने का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन सार्वजनिक सड़कों, खासकर राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करना दूसरों की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।"



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Wed, Oct 29 , 2025, 09:47 PM