Traditional Anarsa Recipe: एक कामकाजी पत्नी होने के नाते, आपके पास दिवाली के लिए फराल बनाने का समय नहीं होता। ऐसे में, आप घर पर ही बेहद आसान तरीके से अनरसा बना सकती हैं। अनरसा (Anarsa) बनाने के लिए धैर्य और सही मात्रा की ज़रूरत होती है। इससे आपकी पत्नी भी खुश रहेंगी और फराल बनाने में आपका भी हाथ बँट जाएगा। तो आइए अनरसा बनाने की रेसिपी सीखते हैं।
भारतीय व्यंजनों की खासियत यह है कि यहाँ हर मिठाई के पीछे एक परंपरा छिपी होती है। ऐसी ही एक मिठाई है अनरसा । इसे बनाने की प्रक्रिया भी बेहद दिलचस्प है। इसके लिए धैर्य और सही मात्रा की ज़रूरत होती है। "अनरसा बनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती," लेकिन अगर आप इसे सही तरीके से बनाएँ, तो इसका स्वाद और कुरकुरापन हमेशा याद रहेगा। इस लेख में, हम आपको अनरसा की पारंपरिक रेसिपी आसान शब्दों में बताने जा रहे हैं, ताकि आप भी इसे घर पर आज़मा सकें।
अनरसा बनाना शुरू करें
अनरसा बनाने का पहला और सबसे ज़रूरी चरण चावल है। इसके लिए आपको महंगे या लंबे दाने वाले चावल खरीदने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल, चावल जितना गाढ़ा और सादा होगा, अनरसा उतना ही अच्छा बनेगा। आप गांठदार चावल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या करें?
1. सबसे पहले चावल को अच्छी तरह धोकर पानी में भिगो दें।
2. इस प्रक्रिया में लगभग तीन दिन लगते हैं। चावल सड़ें नहीं और ताज़ा रहें, इसके लिए हर दिन पानी बदलना ज़रूरी है।
3. तीसरे दिन चावल को थोड़ा सुखा लें। ध्यान रहे कि यह पूरी तरह सूखा न हो, इसमें सिर्फ़ नमी रहती है। अब बारी है भीगे और हल्के सूखे चावल को मिक्सर में पीसने की। इससे आपको हल्का गाढ़ा पाउडर मिलेगा, जो अनरसा के लिए एकदम सही है।
4. इसके बाद चीनी को अलग करके छान लें।
5. आमतौर पर एक कटोरी चावल के लिए तीन-चौथाई कटोरी चीनी उपयुक्त मानी जाती है। यह मात्रा स्वाद और गाढ़ेपन के लिए उपयुक्त है।
6. अब चावल और चीनी को मिलाकर आटा गूंथ लें। अगर चावल में नमी कम हो, तो धीरे-धीरे दूध की बूँदें डालें। ध्यान रहे कि ज़्यादा दूध न डालें, वरना मिश्रण चिपचिपा हो जाएगा।
जब चावल और चीनी का मिश्रण तैयार हो जाए, तो इसे छोटे लड्डू की तरह बाँधकर डिब्बे में रख दें। इस मिश्रण को कम से कम दो दिन तक ऐसे ही रखना होगा। आपको इसे फ्रिज में रखने की ज़रूरत नहीं है, इसी प्रक्रिया से अनानास को उसका असली स्वाद मिलता है।
अनरसा को बेलकर तल लें!
1. बेलन की ज़रूरत नहीं है, बस इसे पॉलीथीन या सिल्वर फ़ॉइल पर हल्के हाथों से दबाते हुए फैलाएँ।
2. अब ऊपर से खसखस या तिल छिड़कें। खसखस का स्वाद लाजवाब होता है।
3. एक कड़ाही में तेल या घी गरम करें और धीमी आँच पर तल लें। ध्यान रहे कि इसे सिर्फ़ एक तरफ से ही सेकना है। जब यह सुनहरा भूरा हो जाए, तो समझ लें कि आपका अनरसा तैयार है।
अनरसा का स्वाद और परंपरा!
अनरसा अपने कुरकुरे और हल्के स्पंजी बनावट के लिए जाना जाता है। इसे चाय या खाने के बाद मिठाई के तौर पर परोसा जा सकता है। पारंपरिक रूप से, इसे दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान विशेष रूप से परोसा जाता है। इस रेसिपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह लंबे समय तक खराब नहीं होती। आप इसे डिब्बे में बंद करके 15-20 दिनों तक आराम से रख सकते हैं।
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Sun, Oct 12 , 2025, 07:12 PM