Kojagiri Purnima: आज कोजागिरी पूर्णिमा के पावन अवसर पर इन वस्तुओं का करें दान, माँ लक्ष्मी करेंगी धन-धान्य की वर्षा!

Mon, Oct 06 , 2025, 10:40 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Kojagiri Purnima: कोजागिरी पूर्णिमा का त्यौहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे कुछ स्थानों पर शरद पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह वर्ष की एकमात्र ऐसी रात होती है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा लिए होता है और उसकी किरणें हमें अमृत जैसे दिव्य औषधीय गुणों से युक्त करती हैं।

इस पावन पर्व पर दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। आप देवी-देवताओं के घर और मंदिर में या पवित्र नदी-तालाब में दीप जला सकते हैं। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

चावल और अनाज का दान
कोजागिरी पूर्णिमा पर चावल (अन्न) दान करने से चंद्र देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। चंद्रमा को शांति और सुकून का प्रतीक माना जाता है। चावल दान करने से प्रचुर मात्रा में अन्न की आपूर्ति सुनिश्चित होती है और आर्थिक समृद्धि आती है। इसके अलावा, गेहूँ दान करने से सूर्य देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

दीप जलाना
इस पावन पर्व पर दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। आप मंदिर में, पवित्र नदी या सरोवर में दीप जला सकते हैं। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

दूध, दही और खीर का दान
चूँकि यह पर्व चंद्रमा और खीर से जुड़ा है, इसलिए दूध, दही और खीर जैसी सफेद वस्तुओं का दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। खीर को रात भर चांदनी में रखने से चंद्रमा के अमृततुल्य गुण प्राप्त होते हैं। अगले दिन इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना और गरीबों व ज़रूरतमंदों को खीर या दूध का दान करना बेहतर होता है। इससे घर में समृद्धि और घर के सभी लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

वस्त्र दान करें
कोजागिरी पूर्णिमा के दिन ज़रूरतमंदों को सफेद वस्त्र या अन्य वस्त्र दान करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं। वस्त्र दान को सबसे बड़ा दान माना जाता है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किसी युवती या विवाहित महिला को वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

चाँदी का दान करें
ज्योतिष शास्त्र में चाँदी का संबंध चंद्रमा से है। यदि संभव हो तो कोजागिरी पूर्णिमा के दिन किसी ब्राह्मण को चाँदी का बर्तन दान करें। यदि चाँदी दान करना संभव न हो, तो आप चंद्र देव से संबंधित कोई अन्य सफेद धातु दान कर सकते हैं। इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। मन शांत होता है और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।

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