लखनऊ: बीते दिनों बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( अभाविप) के कार्यकर्ताओं सहित छात्रों पर हुए लाठी चार्ज की घटना की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग के सहायक रजिस्ट्रार (विधि) बृजवीर सिंह ने इस बाबत यूपी के मुख्य सचिव एसपी गोयल व डीजीपी राजीव कृष्णा को नोटिस भेज कर 15 दिन के अंदर कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की है।
आयोग के सहायक रजिस्ट्रार (विधि) बृजवीर सिंह के स्तर से जारी आदेश में कहा गया है कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को देश के सभी मानव अधिकारों की रक्षा और संवर्धन का दायित्व सौंपा है। साथ ही उसे मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13 के अंतर्गत जाँच के लिए सिविल न्यायालय के समान शक्तियाँ प्राप्त हैं।
आदेश के अनुसार शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद फर्जी या अनाधिकृत एलएलबी प्रवेश आयोजित किए। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि जब छात्रों ने इस गैरकानूनी कृत्य का शांतिपूर्ण विरोध किया, तो पुलिस ने अनुचित लाठीचार्ज किया। जिससे कई छात्र घायल हो गए।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इस घटना ने छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। शिकायतकर्ता ने इस मामले में आयोग के हस्तक्षेप की माँग करते हुए उच्च-स्तरीय जाँच की मांग की है। वही जांच में ज़िम्मेदार विश्वविद्यालय और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई, और घायल छात्रों को चिकित्सा सहायता सहित मुआवज़ा देने का अनुरोध किया गया है।
आयोग ने कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया पीड़िता के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन प्रतीत होते हैं। आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पीठ ने इस मामले में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के अंतर्गत संज्ञान लिया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि आयोग मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ और महानिदेशक (पुलिस), उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी करके शिकायत में लगाए गए आरोपों की जाँच करवाएँ। इसके अलावा आयोग के समक्ष 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को बाराबंकी के रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में अवैध वसूली और ला कोर्स की मान्यता बीसीआई से न होने का आरोप लगाते अभाविप कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया लाठी चार्ज में दर्जन भर कार्यकर्ता घायल हो गए थे। घटना को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वहां के सीओ को हटा दिया गया था। साथ ही एसएचओ व पुलिस चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर करने के साथ ही सभी आरोपी पुलिस कर्मियों को लाइन से सम्बद्ध कर दिया गया था।
घटना की उच्च स्तरीय जांच अयोध्या के मंडलायुक्त राजेश कुमार व आईजी रेंज अयोध्या प्रबीर कुमार को सौंपी गई थी। घटना में रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने, 3 पुलिसकर्मियों के निलंबन जैसी कार्यवाही के साथ ही विश्वविद्यालय की तरफ से किये गए अतिक्रमण को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है। वहीं अभाविप की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संचालित कोर्सों के मान्यता की जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
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Wed, Sep 10 , 2025, 07:47 AM