Green Tea Disadvantage: अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए अपनी सेहत (health) पर विशेष ध्यान देना ज़रूरी है। भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अगर आप अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते, तो गंभीर बीमारियों की आशंका बनी रहती है। ग्रीन टी पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है। वज़न कम करने से लेकर आपके दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। ग्रीन टी के फ़ायदे (Benefits of Green Tea) जानते हुए भी आजकल ज़्यादातर लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। हालाँकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि ग्रीन टी हर किसी के लिए नहीं होती। यानी कुछ लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में ग्रीन टी के दुष्प्रभावों के बारे में सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों (health experts) के अनुसार, कुछ स्थितियों में ज़्यादा मात्रा में ग्रीन टी पीना बेहद नुकसानदेह हो सकता है। ग्रीन टी का इस्तेमाल शरीर को डिटॉक्स करने के लिए भी किया जाता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे पीने से बचना चाहिए। ज़्यादा मात्रा में ग्रीन टी पीने से इसमें मौजूद कैफीन और टैनिन की वजह से सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। गर्भवती महिलाओं और एनीमिया से पीड़ित लोगों को ग्रीन टी से बचना चाहिए। इसके अलावा, कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी ग्रीन टी फ़ायदे की बजाय नुकसान पहुँचा सकती है।
ग्रीन टी के दुष्प्रभाव...
सिरदर्द और माइग्रेन
चिंता और बेचैनी
अनिद्रा या नींद की कमी
मतली
तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन
सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स
चक्कर आना और हल्का सिरदर्द
अगर आप अच्छी सेहत के लिए ग्रीन टी पीना शुरू करना चाहते हैं, तो पहले जान लें कि किन लोगों को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए और इसके क्या दुष्प्रभाव हैं। ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पेट में एसिड की मात्रा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अगर आप खाली पेट ग्रीन टी का सेवन करते हैं, तो पेट फूलना, कब्ज और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, ऐसा करने से अल्सर भी हो सकता है। जिन लोगों को गैस्ट्राइटिस, पेप्टिक अल्सर और संवेदनशील पाचन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें भोजन के बाद या बीच में ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए। अगर आप स्वाभाविक रूप से कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं, तो कम मात्रा में इसका सेवन आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इससे बेचैनी, दिल की धड़कन बढ़ना, अस्थिरता आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बहुत अधिक कैफीन कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे समय के साथ हड्डियाँ भी कमज़ोर हो सकती हैं। अगर आपको ग्रीन टी पीना पसंद है, तो कैफीनयुक्त और हर्बल ग्रीन टी चुनें। बच्चों को ग्रीन टी देने से बचना चाहिए। यह उनके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। इसमें मौजूद टैनिन प्रोटीन और वसा जैसे ज़रूरी पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, जो बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए बेहद ज़रूरी हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चों को रोज़ाना और ज़्यादा मात्रा में ग्रीन टी न दें।
ग्रीन टी शरीर की नॉन-हीम आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करती है। नॉन-हीम आयरन एक प्रकार का आयरन है जो पादप-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्ज़ियाँ, फलियाँ आदि में पाया जाता है। हीम आयरन की तुलना में यह आसानी से अवशोषित नहीं होता। एनीमिया से ग्रस्त लोगों में ग्रीन टी पीने से थकान की समस्या बढ़ सकती है। अगर आपको कमज़ोरी और थकान महसूस हो रही है, तो ग्रीन टी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ज़्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। इसमें कैफीन होता है, जो गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है और शिशु के विकास पर भी बुरा असर डाल सकता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन फोलिक एसिड के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरान महिलाओं को दो कप से ज़्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।
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Tue, Sep 02 , 2025, 06:08 PM