Protest Bombay High Court : मनोज जारंगे पाटिल मराठा आरक्षण के लिए फिर से मैदान में उतर आए हैं। जारंगे पाटिल इन दिनों मुंबई के आज़ाद मैदान (Azad Maidan) में बिना पानी के भूख हड़ताल (Hunger strike) पर हैं। इस बार, बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कड़ी नाराज़गी जताई है। इस आंदोलन के कारण मुंबईवासियों को हो रही परेशानी को देखते हुए, कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है। इस पर कल, 2 सितंबर को दोपहर 3 बजे फिर सुनवाई होगी। इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट ने कुछ अहम सवाल उठाए। साथ ही कड़ी टिप्पणियाँ भी कीं।
क्या आप दिए गए आश्वासनों का उल्लंघन कर रहे हैं?
हाईकोर्ट ने आंदोलन से हुई असुविधा पर कड़ी नाराज़गी जताई। कोर्ट ने आंदोलन के कारण कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना, मुंबईवासियों को हो रही परेशानी और आम लोगों की बुनियादी ज़रूरतों पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई। हम शांत रहे हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि कुछ अच्छा हो। लेकिन आप ख़ुद दिए गए आश्वासनों का उल्लंघन कर रहे हैं? ये क्या हो रहा है? अदालत ने पाया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था और यह भी कहा कि सरकार को दिए गए वचन का उल्लंघन किया गया है। हालाँकि यह विरोध प्रदर्शन के विरुद्ध नहीं था, फिर भी अदालत ने अपेक्षा व्यक्त की कि नियमों का पालन किया जाना चाहिए और आम नागरिकों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
इस दौरान, अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बारिश की संभावना के बारे में भी पूछा। आप बारिश की संभावना के बावजूद आए हैं, तो क्या आप कीचड़ में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं? अदालत ने प्रदर्शनकारियों को दी गई जगह के बारे में भी पूछा। आज़ाद मैदान में तंबू क्यों लगाए जा रहे हैं और रेलवे स्टेशन को अड्डे के रूप में क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है?
क्या आप जरांगे के वकील हैं या किसी और के?
वकील गुणरत्न सदावर्ते द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत में गरमागरम बहस छिड़ गई। एक वकील ने सदावर्ते से एक नई याचिका दायर करने का अनुरोध किया। लेकिन अदालत ने उन्हें तुरंत रोक दिया। क्या आप जरांगे के वकील हैं या किसी और के? इस तरह सीधा सवाल पूछते हुए अदालत ने पूछा, "अगर आप किसी और के वकील हैं, तो जरांगे की बात क्यों कर रहे हैं?"
कल फिर होगी सुनवाई
इन सभी मामलों में, अदालत ने स्पष्ट किया कि हम विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए। स्कूल, कॉलेज और लोगों के रोज़गार कल प्रभावित नहीं होने चाहिए। अदालत ने यह भी उम्मीद जताई कि मुंबई में परिवहन व्यवस्था और बुनियादी ज़रूरतों में कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए। कल फिर सुनवाई होगी, और सबकी नज़र इस बात पर है कि सरकार क्या कदम उठाती है।
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Mon, Sep 01 , 2025, 06:14 PM