नयी दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने संसद के मानसून सत्र (monsoon session) को सरकार के लिए बहुत उपयोगी बताते हुए गुरुवार को कहा कि यह सत्र सत्ता पक्ष के लिए सफल लेकिन विपक्ष के लिए परेशान करने वाला रहा है। रिजिजू ने लोकसभा तथा राज्यसभा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद यहां संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष ने अपनी जिद्द के कारण पूरे मानसून सत्र के दौरान सदन को जानबूझकर बाधित रखा लेकिन सरकार ने अपना पूरा काम किया और जो विधेयक सूची में थे सभी को पारित करवा दिया गया। उनका कहना था कि विपक्ष को बहुत मौका देने का प्रयास हुआ है और सरकार की बराबर कोशिश रही कि सदन चले और सभी विधेयकों पर चर्चा हो लेकिन विपक्ष अपनी जिद्द पर अड़ा रहा जिसका उसे नुकसान हुआ है लेकिन सरकार के लिए सत्र उपयोगी रहा।
उन्होंने कहा कि कमाल की बात यह है कि अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) के भारत आने पर उनके अभिनंनदन में संसद में चर्चा कराई गई लेकिन दुर्भाग्य से अंतरिक्ष के अंतरराष्ट्रीय केंद्र (International Centre) में पहुंचने वाले देश के इस नायक पर चर्चा नहीं होने दी गई। विपक्ष ने इस नायक का भी अभिनंदन नहीं किया हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर उनका सम्मान कर श्री शुक्ला का आभार भी जताया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से वह मिले और श्री मोदी ने उनका स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सत्र के दौरान संविधान संशोधन विधेयक तथा दो अन्य महत्वपूर्ण विधेयक लाये गये लेकिन विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। उन्होंने इसे सरकार का क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि जो भ्रष्टाचार करेगा वह जेल जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी भले ही वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री हो, भ्रष्टाचार करेगा तो सजा मिलेगी।
उनका कहना था कि आजादी के बाद पहली बार इस तरह का महत्वपूर्ण, असाधारण और क्रांतिकारी विधेयक लाया गया है। यह स्पष्ट और साफ सुथरा विधेयक है जिसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार करोगे तो कोई भी उसे जेल की सजा होगी लेकिन विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा “विपक्ष को सरकार का विरोध करना चाहिए और यह हम भी समझते हैं क्योंकि हमने हमेशा विपक्ष की भूमिका निभाई है लेकिन विरोध का मतलब संसद की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना नहीं है, लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाना नहीं होता है बल्कि विरोध लोकतांत्रिक तरीके से किया जाना चाहिए। विरोध करने का मतलब चुनाव आयोग जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं को गाली देना नहीं होता है और विपक्ष् के इसी रवैये को देखते हुए सरकार ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही का पालन करते हुए सूचीबद्ध सारे विधेयक पारित कराए गये हैं।”
उन्होंने कहा कि विपक्ष में भी नये सांसद चुनकार आये हैं लेकिन उनको सीखने का मौका मिलना चाहिए था लेकिन विपक्षी सदस्य सिर्फ हो हंगामा करके सबकुछ बेकार करना चाहते हैं इसलिए वे हंगामा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग करना हंगामा करने का एक बहाना है और इसी बहाने संसद में जानबूझकर अवरोध पैदा किया गया है। विपक्ष भी जानता है कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है तो उस पर जवाब कौन मंत्री देगा। इसका जवाब नहीं दिया जा सकता है तो इस मुद्दे पर चर्चा भी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से जुड़े मुद्दों का कोई मंत्री जवाब नहीं दे सकता है और यह विपक्ष भी जानता है लेकिन बहाना था आयोग और जानबूझकर हंगामा किया गया है।
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Thu, Aug 21 , 2025, 06:41 PM