नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल में करीब 24,000 सहायक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों (non-teaching staff) की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और अन्य की दायर समीक्षा याचिकाएं खारिज करते हुए तीन अप्रैल, 2025 का अपना फैसला बरकरार रखा। न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार (Justices PV Sanjay Kumar) और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा (Justice Satish Chandra Sharma) की पीठ ने पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कीं।
पीठ इसे सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए कहा, "वस्तुतः पूरे मामले की गुण-दोष के आधार पर पुनः सुनवाई की मांग वाली ये पुनर्विचार याचिकाएं विचार करने लायक नहीं हैं, क्योंकि सभी प्रासंगिक पहलुओं की पहले ही जांच और व्यापक विचार किया जा चुका है। इसलिए पुनर्विचार याचिकाओं को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के आवेदन अस्वीकार किए जाते हैं।"
शीर्ष अदालत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के सहायक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की 2016 की पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। पश्चिम बंगाल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया के तहत लगभग 24,000 नियुक्तियों को उच्च न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया था।
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Wed, Aug 20 , 2025, 11:31 AM