भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC) 2.0 परियोजना अंतर्गत सामान्य सुविधाओं (CFC) के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन तथा विनिर्माण (ESDM) क्षेत्र के संवर्धन को बढ़ावा दिए जाने के लिए भोपाल की तहसील बैरसिया के ग्राम बांदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस परियोजना के लिए उपलब्ध 210.21 एकड़ भूमि पर परियोजना लागत 371 करोड़ 95 लाख रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गयी है। इसमें से राशि 146 करोड़ 63 लाख रूपये केन्द्रांश एवं 225 करोड़ 32 लाख रुपये राज्यांश होगा। भारत सरकार की प्राथमिकता के अनुसार डिजिटल इंडिया एवं मेक इन इंडिया की अवधारणा को साकार करने में ईएमसी 2.0 इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स योजना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मंत्रिमंडल द्वारा नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शहडोल और सागर में नवीन शासकीय आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय और वैलनेस सेंटर खोलने के लिए 1570 पदों की स्वीकृति दी गई है। इनमें 715 नियमित पद एवं 855 पद आउटसोर्स के माध्यम से भरे जायेंगे। प्रदेश में संभाग स्तर पर एक आयुर्वेदिक मैडिकल कालेज की स्थापना होगी जिससे आयुर्वेद उपचार एवं वैलनेस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के फंड से नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शहडोल और सागर में नवीन शासकीय आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय शासकीय पद्धति से खोले जाने हैं। इनमें महाविद्यालय भवन, 100 बैड चिकित्सालय परिसर, 100 सीटर बालक एवं बालिका छात्रावास भवन, आवासीय भवन और फार्मेसी भवनों का निर्माण भारतीय चिकित्सा पद्धति के निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जाएगा। संबंधित जिले में शासकीय भूमि आबंटित की जा चुकी है। राष्ट्रीय मिशन अंतर्गत प्रत्येक आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 70 करोड़ रुपये के मान से 350 करोड़ रुपये का 60:40 के अनुपात में प्रावधान किया गया है।
मंत्रिमंडल द्वारा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के अंतर्गत इंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना एवं 20 नवीन पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है। विभाग के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न संवर्गों के कुल 20 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा। इनमें प्राध्यापक का एक, सहायक प्राध्यापक का एक, सीनियर रेसीडेंट के दो, जूनियर रेसीडेंट के दो, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के दो और नर्सिंग ऑफीसर के 12 पद शामिल हैं। साथ ही एक डायटीशियन को आउटसोर्स आधार पर निश्चित वेतनमान पर नियुक्त किया जायेगा।
इस निर्णय से राज्य में हार्मोन संबंधी रोगों के निदान एवं उपचार में उच्च गुणवत्ता की विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी तथा सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूती मिलेगी। साथ ही चिकित्सा शिक्षा व प्रशिक्षण का विस्तार होगा। इंडोक्राइनोलॉजी के क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा भी मिलेगा। मंत्रिमंडल द्वारा जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित महाविद्यालयीन छात्रावासों में मैस संचालन के लिये 10 माह के स्थान पर 12 माह के लिए शिष्यवृत्ति दिये जाने का निर्णय लिया गया है। यह शिष्यवृत्ति छात्रावासों में विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर दी जायेगी। वर्तमान में छात्र को 1650 रुपये प्रतिमाह और छात्राओं को 1700 रुपये प्रतिमाह शिष्यवृत्ति दी जाती है।
मंत्रिमंडल ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 का अनुमोदन किया गया है। अनुमोदन अनुसार प्रचलित नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन की आवश्यकता के दृष्टिगत नवीन अवकाश नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 तैयार किया गया है। नवीन अवकाश नियम 2025 के नवीन प्रावधानों में महिला शासकीय सेवक सेरोगेट / कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। अवकाश विभागों के शैक्षणिक संवर्ग को एक वर्ष में 10 दिवस के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। दत्तक संतान ग्रहण करने के लिये शासकीय सेवकों को कुल 15 दिवस के पितृत्व अवकाश की पात्रता होगी।
इसके साथ ही संतान पालन अवकाश की पात्रता एकल पुरुष शासकीय सेवक को भी होगी। अर्धवेतन अवकाश को अवकाश खाता में अग्रिम रूप से जमा किया जायेगा। यह अवकाश एक जनवरी को 10 दिवस एवं एक जुलाई को पुनः 10 दिवस के मान से अवकाश लेखे में अंकित किया जायेगा। अर्जित अवकाश की एक बार प्राप्त करने की अधिकतम अवधि 120 दिन से बढ़ाई जाकर 180 दिवस की गयी है। दिव्यांग अथवा गंभीर अस्वस्थ शासकीय सेवक के अवकाश आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुलभ बनाया गया है, अब परिवार के सदस्य भी आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। अवकाश स्वीकृत करने के अधिकारों का प्रत्यायोजन के संबंध में नियमों में भी प्रावधान किये गये है। नियम के प्रकाशन एवं अन्य अनुवर्ती कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 के प्रभावशील होने से राज्य के कोष पर अतिरिक्त व्यय भार नगण्य होगा।
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Tue, Aug 19 , 2025, 07:57 PM