नयी दिल्ली: चुनाव आयोग मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर विपक्ष के विरोध के बीच कानूनी और व्यवहारिक परिस्थितियों पर रविवार को विस्तार से अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपराह्न 3:00 बजे राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन करने जा रहे हैं। उनके साथ उनके दोनों सहयोगी आयुक्त भी होंगे।
आज ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मतदाता सूची के मुद्दे पर बिहार के राजनीतिक दौरे पर हैं। वह सुबह सासाराम में अपनी पार्टी की ओर से आयोजित "वोटर अधिकार यात्रा" की शुरुआत करेंगे। गांधी शाम 7:00 बजे औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसमें श्री गांधी के साथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे।
चुनाव आयोग ने सबसे पहले बिहार की सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू किया है। जिसमें 60 लाख से अधिक नाम ऐसे पाए गए हैं जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे राज्य से स्थाई रूप से बाहर चले गए हैं अथवा उनके नाम सूची में एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए गए हैं।
आयोग ने बिहार में गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के पहले चरण के बाद पहली अगस्त को नई मतदाता सूची का मसौदा जारी कर दिया है और लोगों से उसे पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित की हैं। बावजूद इसके अब तक एक भी राजनीतिक दल ने बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची पर कोई आपत्ति व्यक्त नहीं की है। श्री गांधी ने इसके साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की वर्तमान सूचियां में प्रविष्टियों में बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी के मुद्दे भी उठाए हैं इनको आयोग खारिज कर चुका है।
आयोग ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को किसी सूची पर कोई आपत्ति है तो वह संबंधित राज्य के मतदाता पंजीयन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कर सकता है। आयोग ने नेता प्रतिपक्ष को चुनौती दी है कि यदि उन्हें अपने आरोपों में सच्चाई लगती है तो वह संबंधित राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के समक्ष शपथ पत्र के साथ अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उसे पर कार्यवाही की जाएगी।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि उनका प्रयास यह है कि किसी भी राज्य की सूची में किसी वैद्य मतदाता का नाम न छूटे लेकिन कोई अवैध अपात्र नाम भी सूची में न रहे। आयोग के सूत्रों ने बताया कि पूरे देश में चार साल में मतदाता सूची में का गहन पुनरीक्षण का अभियान चलाने की योजना निर्धारित कर रखी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घुसपैठ के संकट का उल्लेख किया और कहा कि यह समस्या कई क्षेत्र में आबादी के स्वरूप को बिगाड़ रही है। उन्होंने इससे निपटने के लिए एक उच्च अधिकार प्राप्त मिशन बनाने की घोषणा की है। आयोग के अधिकारियों कहना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951, 52 के तहत देश में मतदान का अधिकार केवल वैध नागरिक को ही है इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
उनका कहना है कि लोकसभा और विधानसभाओं क चुनाव कराने, सूची तैयार करने, उनकी समीक्षा करने की संवैधानिक जिम्मेदारी आयोग की है। उल्लेखनीय है कि बिहार में मतदाता सूची की गहन समीक्षा का मुद्दा इस समय उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी है। आयोग के काम पर न्यायालय की ओर से कोई रोक नहीं लगाई गई है।
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Sun, Aug 17 , 2025, 12:02 PM