नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण (Farmer Welfare) और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सोमवार को राजस्थान के झुंझुनू (Jhunjhunu) में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के अंतर्गत 30 लाख किसानों को उनके दावों पर मंजूर राशि का सीधे उनके खातों में भुगतान करेंगे।
इस योजना में पहली बार किसानों को इस तरह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे उनके खातों में भुगतान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम स्थल से करीब 3200 करोड रुपए का भुगतान किया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि होंगे।समारोह में विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी उपस्थित होंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधि, किसान नेता तथा मंत्रालय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम सोमवार को दोपहर 12 बजे झुंझुनू हवाई पट्टी पर आयोजित होगा, जिसमें झुंझुनू के साथ ही सीकर, जयपुर, कोटपूतली-बहरोड़ सहित विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे, जबकि देशभर के विभिन्न राज्यों के लाखों किसान वर्चुअल माध्यम से भी समारोह से जुड़ेंगे।
श्री चौहान द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, ग्रामीण भारत के करोड़ों किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से पहली बार 30 लाख से अधिक किसानों को 3,200 करोड़ रुपए से अधिक की फसल बीमा दावा राशि डिजिटल रूप से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। इसमें राजस्थान के 7 लाख से अधिक किसानों को 1,100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिलेगी।
कृषि मंत्री के अनुसार, राज्यवार बीमा दावा क्लेम के तहत मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपए, राजस्थान के किसानों को 1,121 करोड़ रुपए, छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपए और शेष राज्यों के किसानों को 773 करोड़ रुपए की राशि का सीधा लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत तकनीक और पारदर्शिता एक महत्वपूर्ण पहलू है। किसानों को फसल बीमा दावा राशि का समय पर भुगतान मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति, निवेश का आत्मविश्वास और खेती में अनिश्चितताओं का सामना करने की शक्ति बढ़ेगी।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में बीमा दावा भुगतान की नई सरल व्यवस्था लागू की है, जिसमें राज्यों की प्रीमियम अंशदान राशि की प्रतीक्षा किए बिना केवल केंद्र की सब्सिडी पर आनुपातिक रूप से किसानों को दावों का तुरंत भुगतान संभव होगा। खरीफ 2025 से अगर कोई राज्य सरकार अपनी सब्सिडी देने में देरी करती है, तो उस पर 12 प्रतिशत की पेनल्टी लगेगी, और इसी तरह बीमा कंपनियों द्वारा भुगतान में देर होने पर भी 12 प्रतिशत पेनल्टी किसानों को मिलेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2016 से प्रारंभ इस योजना के तहत अब तक 78 करोड़ से अधिक किसान आवेदनों को कवर करते हुए 1.83 लाख करोड़ रुपए की दावा राशि का वितरण किया गया है, जबकि किसानों ने मात्र 35,864 करोड़ रुपए प्रीमियम की राशि ही दी है। औसतन पांच गुना से अधिक क्लेम भुगतान, यह सरकार की किसान-हितैषी नीति का प्रतीक है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में येस-टेक, विन्डस पोर्टल, एआईडीई मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन 14447 जैसे अनेक तकनीकी नवाचारों को लागू किया गया है, जिससे न सिर्फ क्लेम निपटान की गति व पारदर्शिता में वृद्धि हुई है, बल्कि मौसम संबंधित आंकड़े अधिक सटीक हुए हैं और किसानों को पंजीकरण की सुविधा ग्राम स्तर पर उपलब्ध हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की मेहनत एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प को सशक्त बनाती है।
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