सहा रनपुर। सहारनपुर जिले की जनकपुरी पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों (Fake documents) को तैयार कर लोगों से ठगी करने वाले एक शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार किये गये शमशाद का एक अन्य साथी ईश्वर चंद शर्मा को पुलिस 27 मई को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है। उनके गिरोह में शामिल तीसरा व्यक्ति नारायण सिंह जादोन (Narayan Singh Jadon) अभी फरार है। उन्होने बताया कि गिरोह लोगों को फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनको जेल से रिहा कराने का झांसा देकर लाखों रूपयों की धोखाधड़ी करने का धंधा करते हैं। शमशाद को जनकपुरी पुलिस ने उत्तराखंड के गंगनहर थाना क्षेत्र रूड़की से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ सहारनपुर जिला कारागार के जेलर प्रशांत उपाध्याय ने सात फरवरी को थाना जनकपुरी में मुकदमा दर्ज कराया था।
जेलर का आरोप था कि सहारनपुर जिला कारागार में आईपीसी की धारा 302 के बंदी अजय कुमार की जेल से रिहाई के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से फर्जी रिहाई आदेश तैयार कर जेल प्रशासन को भेजे थे। जेल प्रशासन द्वारा जब उन पत्रों के आधार पर अजय की रिहाई नहीं हुई तो आरोपियों ने आईजीआरएस पोर्टल के जरिए जेल अधीक्षक को बार-बार धमकी देकर अजय की रिहाई के लिए कहा। पुलिस के मुताबिक जेल से बंदियों की रिहाई का यदि कोई आदेश हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट से जारी होता है तो वह पहले जिले की संबंधित कोर्ट में जाता है और वहां से रिहाई का परवाना तैयार होकर संबंधित कारागार को जाता है तभी जेल अधिकारी उस बंदी की रिहाई करते हैं। इसीलिए रिहाई का सीधा आदेश जिला कारागार को नहीं जाता। इसलिए यह शातिर बदमाश फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सहारनपुर जेल से अजय कुमार की रिहाई नहीं करा पाए।
थाना जनकपुरी प्रभारी संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) ने बताया कि गिरफ्तार शमशाद 2023 से इसी मामले में सहारनपुर जेल में बंद था। जेल में उसने अजय कुमार को झांसे में लेकर इस बात के लिए तैयार किया कि वह खुद पर जमानत पर बाहर आने के बाद उसकी जमानत करा देगा और जेल से रिहाई करवा देगा। इसके लिए उन्होंने अजय कुमार के परिवार से तीन बार में साढ़े चार लाख रूपए वसूल लिए। शमशाद के खिलाफ धोखाधड़ी के सहारनपुर और उत्तराखंड में पांच मुकदमें दर्ज हैं। पूर्व में गिरफ्तार कर भेजे गए ईश्वर चंद शर्मा के खिलाफ भी धोखाधड़ी के कई मुकदमें दर्ज हैं। ये लोग फर्जी दस्तावेज तैयार करके परेशान लोगों से मोटी रकम ऐंठने में सफल हो जाते हैं। यह अलग बात है कि पीड़ित व्यक्ति को किसी तरह की कोई भी राहत नहीं मिलती है। पुलिस इस गिरोह के तीसरे अभियुक्त नारायण सिंह जादोन (Narayan Singh Jadon) की गिरफ्तार के प्रयासों में जुटी है। नारायण सिंह जादोन फर्जी दस्तावेज तैयार करने में माहिर है। ये तीनों शातिर ठग अभी तक कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
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Fri, Aug 08 , 2025, 09:49 PM