चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने गुरुवार को पंजाब सरकार की ओर से शुरू की गयी ज़बरदस्ती ज़मीन हड़पने की कार्रवाई के ख़िलाफ़ एक सितंबर से अनिश्चितकालीन ‘मोर्चा’ शुरू करने की घोषणा की। यहां पार्टी मुख्यालय में कोर कमेटी, कार्यकारिणी समिति, हलका इंचार्ज और जिला अध्यक्षों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करने के बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (president Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि मोर्चा पंजाब के किसानों, खेत मजदूरों, व्यापारियों और पंजाबी समाज के अन्य वर्गों की सुरक्षा के लिए समर्पित है, जो सभी आप संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के भवन निर्माताओं के साथ 30,000 करोड़ रुपये के सौदे से बुरी तरह प्रभावित होंगे।
बादल एक सितंबर को मोहाली के अंब साहिब गुरुद्वारे से पहले जत्थे का नेतृत्व करेंगे और पास के पंचायत भवन में बने नये ‘शीश महल’ तक मार्च करेंगे, जिसे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अपना निवास बनाया है। इसके बाद, पंजाब के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी कार्यकर्ता 500-500 लोगों के जत्थों में उसी स्थल से अनिश्चितकाल तक लगातार धरना और मार्च में भाग लेंगे, जब तक कि आप सरकार भूमि पूलिंग योजना को रद्द नहीं कर देती। इस उद्देश्य के लिए डॉ दलजीत सिंह चीमा, एन के शर्मा और मोहाली जिला अध्यक्ष परमिंदर सिंह सोहाना की एक तीन सदस्यीय समन्वय समिति भी बनायी गयी है।
बादल ने यह भी घोषणा की कि अगर आप सरकार अपने नापाक मंसूबों पर कायम रही, तो 2027 में राज्य की सत्ता संभालने के बाद पार्टी लैंड पूलिंग योजना को रद्द करने के अपने फैसले पर एकमत है। उन्होंने कहा,“ हम इस उद्देश्य के लिए एक विशेष कानून बनाकर पूरी अधिग्रहीत ज़मीन किसानों को वापस सौंप देंगे, ठीक उसी तरह जैसे 2016 में श्री प्रकाश सिंह बादल ने सतलुज यमुना लिंक (Satluj Yamuna Link) नहर की ज़मीन मूल मालिकों को वापस सौंप दी थी।” अकाली दल अध्यक्ष ने उन सभी अकाली नेताओं से भी विनम्र अपील की, जिन्होंने किसी न किसी बहाने से अकाली दल छोड़ दिया था कि वे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कल की गयी ‘कौम’ में एकता की अपील के अनुरूप पार्टी में वापस आ जाएँ। यह कहते हुए कि उन्होंने हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के निर्देशों का पालन किया है।
बादल ने कहा,“ मैं तख्त के आगे शीश झुकाता हूं। मेरा मानना है कि सिंह साहिबान के निर्देशों का पालन करना प्रत्येक सिख का कर्तव्य है। मैं पार्टी से अलग हुए सभी अकाली नेताओं से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वे पंथ और पंजाब को मज़बूत करने के लिए अपनी जड़ों की ओर लौट आयें। मैं उनसे यह भी अपील करता हूँ कि अगर मैंने उन्हें किसी भी तरह से ठेस पहुंचाई हो, तो वे मुझे माफ़ कर दें। साथ ही, मैं उनसे इस महत्वपूर्ण मोड़ पर ‘जत्थेबंदी’ को मज़बूत करने की ज़रूरत को ध्यान में रखने का आग्रह करता हूं। ” इस बीच, बादल ने माझा क्षेत्र में वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के समर्थकों को पुलिस थानों में घसीटकर उनके खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर करने की घटना की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न विशेष जांच दलों (SIT) द्वारा बार-बार की गयी जांच में मजीठिया पर कोई भी गलत आरोप साबित न होने के बाद, उन्हें एक मनगढ़ंत मामले में फंसाया गया है।
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Thu, Aug 07 , 2025, 09:46 PM