शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश (heavy rains) का कहर अभी भी जारी है। आपदा प्रबंधन केंद्र की जानकारी के अनुसार अभी तक 184 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता है। कुल आंकड़ों में से 103 मौतें भुस्खलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई जबकि 81 लोग भारी बारिश के कारण सड़क दुर्घटना (road accidents) में मारे गए। कुल्लू जिले के मनाली में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के साथ ही सभी आईटीआई संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। सड़कें बंंद कर दी गई है और ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक रुप से बढ़ गया है, जिसके कारण उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को एहतियाती कदम उठाने पड़े है।
शिमला में रविवार रात करीब नौ बजे पंथाघाटी पर भूस्खलन हुआ जिससे मलबा पास की दूकानों में जा गिरा। इस बीच सोलन जिले में छैला-मैपुल-राजगढ़ मार्ग पर सेब से लदा एक ट्रक फंस गया, जिससे राजमार्ग 12 घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध रहा और दर्जनों वाहन फंसे रहे। पिछले चार दिनों से खराब मौसम की वजह से हुई घटनाओं के कारण राज्य में कम से कम 295 सड़कें बंद कर दी गई।मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटों में शिमला और मनाली में 45 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि कसोली में 82 एमएम और नैना देवी में 62.6 एमएम बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने ऊना, हमीरपुर और बिलासपूर में भारी से भारी बारिश के कारण बाढ़ और जल-भराव की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
कांगड़ा, मंड़ी, सोलन और सिरमौर में अधिक वर्षा की संभावना जताते हुए आज और कल येलो अलर्ट जारी किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अबतक 457 घर उजड़ गए और 1192 आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हो गए। बांध का बुनियादी ढांचा अभी नियंत्रण में है, तथा सभी प्रमुख जलाशयों में तालाबों का स्तर बढ़ते जल प्रवाह के बावजूद स्वीकार्य सीमा के भीतर है। मानसून की तबाही के कारण अबतक 1714 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जिससे राज्य को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
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Mon, Aug 04 , 2025, 06:13 PM