अमेरिका: अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ा समझौता किया है और अब अमेरिका पाकिस्तान को तेल की पहली खेप भेज रहा है। कंपनी के अधिकारी उसामा कुरैशी ने रॉयटर्स को बताया कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी एनर्जी को अक्टूबर में 10 लाख बैरल तेल की आपूर्ति की जाएगी।
इस खबर से एक दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दबाव बढ़ाते हुए कहा था कि आने वाले दिनों में भारत को पाकिस्तान से तेल खरीदना ही होगा। ट्रंप का यह बयान भले ही पाकिस्तान के लिए अच्छी बात न हो, लेकिन यह साफ है कि वह भारत पर दबाव बना रहे हैं। आइए देखें कि इस नीति के पीछे असल वजहें क्या हैं...
ट्रंप की दबाव रणनीति!
व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद अमेरिका कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान भेज रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की भी धमकी दी है। यह टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो सकता है। ट्रंप ने भारत पर कड़े शब्दों में हमला बोला है और भारत की अर्थव्यवस्था को एक मृत अर्थव्यवस्था बताया है।
भारत दबाव में नहीं आएगा
सरकारी अधिकारियों से प्राप्त कुछ रिपोर्टों के अनुसार, भारत दबाव में कोई समझौता नहीं करेगा। वह अपने कृषि, डेयरी और एमएसएमई क्षेत्रों से कोई समझौता नहीं करेगा, किसानों का हित भारत के लिए सर्वोपरि है।
पाकिस्तान भारत को तेल बेच सकता है - ट्रंप
ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान आने वाले समय में भारत को तेल बेच सकता है। हालाँकि, तेल उत्पादन के मामले में पाकिस्तान अभी बहुत पीछे है। जुलाई 2025 तक, पाकिस्तान का कच्चे तेल का उत्पादन लगभग 62,000 बैरल प्रतिदिन है। जो दुनिया में 53वें स्थान पर है। भारत के पास तेल खरीदने के लिए रूस और ईरान के अलावा कई विकल्प हैं। इनमें सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, ब्राज़ील और कतर शामिल हैं।
ट्रंप की दबाव बनाने की रणनीति का कारण?
1. अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ ट्रंप की व्यापार रणनीति का एक हिस्सा प्रतीत होते हैं। ट्रंप भारत पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाना चाहते हैं, ताकि भारत अमेरिका की शर्तों पर व्यापार समझौते के लिए तैयार हो जाए।
2. ट्रंप रूस को लेकर भी भारत की लगातार आलोचना करते रहे हैं और तेल व रक्षा आयात पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते रहे हैं। ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस की बजाय अमेरिका से हथियार खरीदे और कच्चा तेल आयात करे। 2025 के पहले छह महीनों में भारत अपनी कुल तेल आपूर्ति का 35 प्रतिशत रूस से ख़रीदेगा। इसलिए ट्रंप ने जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।
3. भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर अभी भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। क्योंकि भारत किसी भी तरह से कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क कम करने पर सहमत नहीं होना चाहता। लेकिन ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिका के लिए अपना बाज़ार खोले। चूँकि ट्रंप इस समझौते को लेकर आशावादी नहीं दिख रहे हैं, इसलिए उन्होंने नाराज़गी भरे लहजे में शुल्कों की घोषणा की है।
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Sat, Aug 02 , 2025, 09:16 AM