नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने देश में आतंकवाद की समस्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए जोर देकर कहा है कि उसकी प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं वोट बैंक की राजनीति (vote bank politics) है लेकिन नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) सरकार का संकल्प है कि कोई कुछ भी कर ले कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा।
श्री शाह ने बुधवार को राज्यसभा में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक आपरेशन सिंदूर’ (Narendra Modi) पर 16 घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि आतंकवाद पर मोदी सरकार से सवाल पूछने वाली कांग्रेस के शासन में ही उसकी तुष्टिकरण की नीति के कारण अलगाववाद और आतंकवाद बढा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के जन्म के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) समझ जाते तो पाकिस्तान बनता ही नहीं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने जैसे ही जवाब देना शुरू किया कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा का जवाब देने की मांग कर रहे थे। श्री मोदी उस समय सदन में मौजूद नहीं थे।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने के कगार पर है। जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों और ढांचागत परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र स्थापित हो रहा है और वहां पिछले छह महीने में एक भी स्थानीय युवक की आतंकवादी संगठनों में भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए दृढ निश्चयी है।
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार को कांग्रेस की सरकार से आतंकवाद , उग्रवाद और नक्सलवाद विरासत में मिले थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा चीजों को हिन्दू -मुस्लिम दृष्टि से देखा है। उन्होंने कहा कि इसी नीति के तहत कांग्रेस ने पोटा कानून का विरोध किया और उसकी सरकार बनते ही इस कानून को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि उग्रवाद और नक्सल हिंसा में 75 प्रतिशत कमी आयी है और जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्ति के कगार पर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद की जड़ को काटने के लिए अनुच्छेद 370 को किया और आतंकवाद के इकोसिस्टम को खत्म करने के लिए लगातार कदम उठाये।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर बात करने वाली कांग्रेस को इस आंकड़े पर नजर डालनी चाहिए कि उसके राज में 54 आतंकवादी हमलों में 600 से अधिक लोग मारे गये। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने आत्मरक्षा के सिद्धांत के तहत ऑपरेशन सिंदूर चलाया और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के भारत के अधिकार का सभी देशों ने समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता श्री चिदम्बरम ने उनके इस्तीफे की मांग के साथ प्रश्न उठाया कि पहलगाम में हमला करने वाले आतंकवादी पाकिस्तानी थे इसका सबूत क्या है। उन्होंने सवाल किया कि श्री चिदम्बरम किस को बचाना चाहते थे, पाकिस्तान को या आतंकवादियों को। उन्होंने कहा कि यह भी संयोग है कि उन्होंने जिस दिन सवाल पूछा उसी दिन तीनों आतंकवादी ढेर हो गये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के तहत यह सब कर रही है।
श्री शाह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि श्री मोदी ने 24 अप्रैल को जिस कार्यक्रम में हिस्सा लिया वह चुनावी सभा नहीं था। उन्होंने कहा कि वहीं से प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवादियों की बची खुची जमीन को मिट्टी में मिला दिया जायेगा और इनके आकाओं को भी नहीं छोड़ा जायेगा।
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के निर्णय लिये गये। समिति ने आतंकवादियों और उन्हें भेजने वालों को नेस्तनाबूद करने के लिए सेनाओं को खुली छूट देने का भी निर्णय लिया गया।
श्री शाह ने कहा कि छह मई की रात आतंकवादियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा के सिद्धांत के तहत की गयी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी ठिकानों पर हमले को अपने उपर हमला समझ लिया और भारतीय असैनिक तथा सैनिक ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को ध्वस्त कर दिया।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए श्री शाह ने कहा कि किसी के कहने पर सैन्य कार्रवाई नहीं रोकी गयी यह पाकिस्तान के अनुरोध पर रोकी गयी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी भी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गये हैं। शाह ने कहा कि यह पहला मौका है जब सेनाओं ने पाकिस्तान की सरजमीं पर हमला कर अपना शौर्य दिखाया है इससे पहले उसकी कार्रवाई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक ही सीमित रहती थी।
उन्होंने कहा कि 1971 में अगर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के क्षेत्र को छुड़वा लिया होता तो आज देश में आतंकवाद होता ही नहीं। उन्होंने कहा कि अब यह बचा हुआ काम भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही करेगी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेकर रहेगी।
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Wed, Jul 30 , 2025, 09:17 PM