Supreme Court suggestion: कानूनी राय देने पर अधिवक्ता को समन नहीं करना चाहिए; सुप्रीम कोर्ट का सुझाव!

Wed, Jul 30 , 2025, 08:01 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कानूनी राय देने या जांच के दायरे में आए किसी मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने पर किसी अधिवक्ता को जांच एजेंसियों द्वारा समन नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि अपराध में अगर कोई अधिवक्ता मुवक्किल की कदद करे तो उसे समन किया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि सिर्फ अधिवक्ता के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति को कानूनी राय देने या जांच के दायरे में आए किसी मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने के लिए समन नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नाडकर्णी और विपिन नायर ने जांच एजेंसियों द्वारा जारी समन पर अपना विरोध दर्ज कराया। 

सिंह ने कहा, "अगर वकीलों को मनमाने ढंग से समन किये जाने पर कानूनी पेशे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अगर वकीलों को मुवक्किलों को सलाह देने के लिए नियमित रूप से समन किया जा सकता है तो कोई भी व्यक्ति संवेदनशील आपराधिक मामलों में वकील बनने की हिम्मत नहीं करेगा।" गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने एक मामले में कानूनी राय देने के लिए वरिष्ठ वकीलों अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब किया था। शीर्ष अदालत ने स्वतः संज्ञान लेकर इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई शुरू की थी‌।

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