World ORS Day 2025 : डायरिया से होने वाली मौतों को रोकें, ओआरएस के महत्व को पहचाने

Tue, Jul 29 , 2025, 12:21 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Prevalence of Diarrhea:  हर साल 29 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व ओआरएस दिवस (World ORS Day), दस्त से होने वाली मौतों को रोकने में ओआरएस (ORS) के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उसे बढ़ावा देने का एक अवसर है। पिछले कुछ वर्षों में, कई अभियानों और पहलों के माध्यम से, सरकार ओआरएस को बढ़ावा दे रही है और दस्त से होने वाली मौतों (deaths due to diarrhea) को रोकने के प्रयासों में योगदान दे रही है।

उत्तर प्रदेश में बच्चों में दस्त की व्यापकता (prevalence of diarrhea) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में 15 प्रतिशत से घटकर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में केवल 5.6 प्रतिशत रह गई है, जो तेज़ी से कम हुई है। उत्तर प्रदेश में दर्ज सुधार राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (National Family Health Survey-4) में 9.2 प्रतिशत से बढ़कर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में 7.3 प्रतिशत हो गया है। इन निष्कर्षों का समर्थन करते हुए, काकोरी ब्लॉक के रायपुर दशहरी की आशा कार्यकर्ता चंद्रकांति ने कहा कि उनके क्षेत्र में दस्त के मामलों में कमी आई है और ओआरएस की माँग भी बढ़ी है।

इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (एवाईसीऍफ़) के राष्ट्रीय प्रशिक्षक और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि रोटावायरस द्वारा आंत्र संक्रमण के कारण होने वाला दस्त दो वर्ष के बच्चों में एक व्यापक समस्या है। वायरल रोगों में एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग निरर्थक, बल्कि हानिकारक है। ऐसी स्थिति में, ओआरएस, विशेष रूप से जिंक-ओआरएस, दस्त को नियंत्रित करने में सबसे महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य दस्त से होने वाली बच्चों की मृत्यु को शून्य करना है। उन्होंने कहा, इसके लिए, पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ओआरएस और ज़िंक के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं । डॉ. मिलिंद वर्धन, महाप्रबंधक , बाल स्वास्थ्य , उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बताते हैं कि राज्य भर में हर साल दस्त रोको अभियान चलाया जाता है, खासकर मानसून के मौसम में जब दस्त के मामले बढ़ जाते हैं। इस अभियान का उद्देश्य दस्त की रोकथाम, उपचार और प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान करना है।

यूनिसेफ, यूपी की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. कनुप्रिया सिंघल के अनुसार, यद्यपि ओआरएस को बढ़ावा देना यूपी में दस्त के मामलों में कमी का प्रमुख कारण है।
गौरतलब है कि ओआरएस के उपयोग को महत्वपूर्ण बनाने वाला तथ्य यह है कि यह रोटावायरस आंत संक्रमण के कारण होता है, जो दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों में आम है। जिसमे बच्चों को प्रभावी रूप से ओआरएस दिया जाता है।

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