kaal sarp dosh upay remedies nag panchami: कुंडली से कालसर्प दोष दूर करना चाहते हैं? नाग पंचमी के दिन करें ये खास उपाय!

Mon, Jul 28 , 2025, 08:15 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Kaal Sarp Dosh: हिंदू धर्म में हर त्योहार (Every festival) को विशेष महत्व दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र (astrology) में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक दोष माना जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को अपने करियर, व्यवसाय और निजी जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी कालसर्प दोष दूर करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई को है। अगर आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष मंत्र बताया गया है, जिसका जाप नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं वह मंत्र क्या है।

हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र को महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके नियमों का पालन भी किया जाता है। हिंदू धर्म में महामृत्युंजय मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। महामृत्युंजय मंत्र में हर समस्या का समाधान छिपा है। इसे मृत्युंजय या त्र्यम्बक मंत्र भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से भय, रोग, शोक, अकाल मृत्यु और काल सर्प दोष जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

काल सर्प दोष के लिए महामृत्युंजय मंत्र

काल सर्प दोष निवारण हेतु महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) अत्यंत लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन इस मंत्र का जाप करने से काल सर्प दोष का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। नाग पंचमी के दिन रुद्राक्ष की माला से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा करना भी काल सर्प दोष निवारण हेतु लाभकारी होता है।

“ॐ त्र्यम्बकं यजमहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुखिया मामृतात्।”

नाग पंचमी पर महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से क्या होता है?

नाग पंचमी के दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, रोग दूर होते हैं, काल सर्प दोष दूर होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।

महामृत्युंजय मंत्र जाप के नियम

महामृत्युंजय मंत्र जाप के कुछ महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं। महामृत्युंजय मंत्र जाप से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएँ। फिर कुशा की चटाई बिछाएँ और मन को शांत रखें। इसके बाद मंत्र का 108 बार जाप करें। हालाँकि, आप अपनी श्रद्धा के अनुसार इसे 11, 21 या 51 बार भी जाप कर सकते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय किसी से बात न करें और सांसारिक चीज़ों से दूर रहें।

काल सर्प दोष दूर करने का मंत्र क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए प्रचोदय के समय नाग गायत्री मंत्र, ऊँ नवकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प: का जाप भी किया जा सकता है। इसके अलावा काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए ओम नमः शिवाय और ओम नागदेवताय नमः मंत्र का जाप किया जा सकता है।

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