नयी दिल्ली। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIO) ने ब्रिटेन और मालदीव के यात्रा कार्यक्रम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश (international trade and investment) में देश की भागीदारी बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर होेने के साथ-साथ भारत के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है। फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने बुधवार को बयान में कहा कि श्री मोदी की यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित करती है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की यह चौथी ब्रिटेन यात्रा है और इससे भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) को नयी गति मिलने की उम्मीद है। इस यात्रा का एजेंडा व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। मोदी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में आज नयी दिल्ली से लंदन के लिए रवाना हुये। रल्हन ने कहा, “ यह यात्रा एक महत्वपूर्ण क्षण में हो रही है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत अंतिम चरण में है। हमें उम्मीद है कि उच्च-स्तरीय चर्चाओं से व्यापार सुगमता के उपायों पर व्यापक सहमति बनेगी और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”
फियो अध्यक्ष ने कहा कि ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित एफटीए से भारत के कपड़ा, परिधान, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री और इंजीनियरिंग वस्तुओं को उल्लेखनीय लाभ होने की उम्मीद है। इस समझौते से भारतीय परिधानों और वस्त्रों पर शुल्क समाप्त होने की संभावना है, जिससे ब्रिटिश बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, साथ ही रत्न एवं आभूषण तथा फार्मास्यूटिकल्स जैसे उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों में निर्यात भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि बाजार प्रवेश में अधिक आसानी और कम आयात शुल्क से भारतीय चमड़ा एवं जूते, ऑटो कंपोनेंट, मसाले, चाय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को और अधिक लाभ होगा। प्रस्तावि एफटीए से भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादों के लिए वहां के औषधि एवं खाद्य विनिमयाम के अनुमोदन में भी सुविधा होने की उम्मीद है।
फियो के अनुसार यह समझौता यह मानव संसाधन की आवाजाही को सुगम बना सकता है और इससे भारतीय आईटी, व्यावसायिक सेवाओं और पेशेवर सेवा फर्मों के लिए नए अवसर खुल सकते हैं। फियो का अनुमान है कि समझौता होने पर ब्रिटिश से भारत में वाहनों, मादक पेय (विशेषकर व्हिस्की और जिन) तथा उच्च-स्तरीय प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर शुल्क कम होगा और वहां भारत में इनका निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त वहां के सौंदर्य प्रसाधन, एयरोस्पेस, चिकित्सा उपकरण, विद्युत मशीनरी, मेमना, सैल्मन, शीतल पेय, चॉकलेट और बिस्कुट निर्यातकों को भी लाभ हो सकता है।
श्री मोदी यात्रा के दूसरे चरण में, वह मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू के निमंत्रण पर 25-26 जुलाई को माले की यात्रा करेंगे। इस चर्चा से व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, जिसमें बुनियादी ढांचे, पर्यटन, मत्स्य पालन, संपर्क और समुद्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। घनिष्ठ आर्थिक और समुद्री सहयोग न केवल आपसी विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगा और भारतीय निर्यातकों, विशेष रूप से पर्यटन-संबंधी और सतत विकास क्षेत्रों में लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए नये अवसर खोलेगा।
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Wed, Jul 23 , 2025, 09:52 PM