Income Tax: जैसे-जैसे आयकर जमा (income tax filing) करने की तारीख नज़दीक आ रही है, देश भर के करदाता वर्षों तक अपने फंड को लॉक किए बिना अपनी कर योग्य आय को कम करने के तरीकों की सक्रिय रूप से तलाश कर रहे हैं। हालांकि कई लोकप्रिय निवेश साधन जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) आदि में दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं की आवश्यकता होती है, वहीं कई त्वरित तरलता, कम जोखिम और धारा 80सी या अन्य संबंधित कटौती प्रदान करते हैं, जिससे वे वित्तीय लचीलेपन को प्राथमिकता देने के इच्छुक लोगों के लिए आदर्श बन जाते हैं। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए, नीचे दिए गए पाँच कर बचत विकल्प निवेशक बिना किसी दशकीय या बहुत लंबी लॉक-इन अवधि के लाभ उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे समझदारी से पैसे बचा सकें।
कर लाभ के साथ 5 वर्षीय सावधि जमा
कई बैंकिंग संस्थान धारा 80सी के तहत 5 वर्षीय कर बचत सावधि जमा (FD) प्रदान करते हैं। इन सावधि जमाओं में पाँच वर्ष की लॉक-इन अवधि (lock-in period) होती है, फिर भी ये पीपीएफ या एनपीएस (PPF or NPS) के विपरीत, व्यक्तिगत ऋण या ओवरड्राफ्ट के माध्यम से आपात स्थिति में समय से पहले नकदी प्रदान करते हैं। ध्यान रखें, ऐसी जमाओं पर अर्जित ब्याज कर योग्य है, लेकिन निवेशित मूलधन पर ₹1.5 लाख तक की कटौती का लाभ मिलता है।
स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से कर कटौती (Section 80D)
बैंकिंग संस्थानों और वित्तीय सलाहकारों द्वारा स्वास्थ्य बीमा एक प्रतिष्ठित कर बचत अनुशंसा बनी हुई है। धारा 80डी के तहत ₹25,000 (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में ₹50,000) तक के प्रीमियम पर कटौती की जा सकती है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसमें कोई लॉक-इन अवधि नहीं है और नवीनीकरण पर हर साल कटौती का दावा किया जा सकता है, जो इसे सबसे आकर्षक और लचीले विकल्पों में से एक बनाता है।
कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में किए गए सभी अंशदान स्वतः ही धारा 80C के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र हो जाते हैं। हालाँकि EPF का एक सेवानिवृत्ति-उन्मुख दृष्टिकोण और संरचना है, फिर भी विवाह, शिक्षा, घर के स्वामित्व और गंभीर सर्जरी व अन्य प्रक्रियाओं जैसी चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है। इस प्रकार, निवेश को तोड़े बिना आंशिक तरलता प्रदान की जाती है।
गृह ऋण का मूलधन और ब्याज
गृह ऋण की मूल राशि का पुनर्भुगतान धारा 80C के अंतर्गत आता है। धारा 24(b) के अंतर्गत ₹2 लाख तक के ब्याज पर कटौती की जा सकती है। इसमें कोई निश्चित लॉक-इन अवधि नहीं है और गृह ऋण की पूरी अवधि के दौरान वार्षिक कटौती का दावा किया जा सकता है। यह घर मालिकों के लिए सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली कर बचत रणनीतियों में से एक है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली - टियर I और टियर II
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) धारा 80CCD(1B) के अंतर्गत धारा 80C के अंतर्गत प्रदान की गई कटौती के अतिरिक्त ₹50,000 तक की कटौती प्रदान करती है। हालाँकि टियर I दीर्घकालिक होता है, टियर II खाते लचीली निकासी की सुविधा प्रदान करते हैं। ध्यान रखें कि टियर II केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए कर-मुक्त है। कुछ नियमों और शर्तों के तहत तीन साल बाद आंशिक राशि निकालने की भी अनुमति है।
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Tue, Jul 22 , 2025, 03:15 PM