Swapna Shastra: सपने रहस्यमय और रोमांचक होते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक परंपराओं ने सपनों को महत्व दिया है और उनके संकेतों को समझने की कोशिश की है। हिंदू धर्म के स्वप्न शास्त्र में सपनों और उनसे जुड़े रहस्यों को समझने का प्रयास किया गया है। आमतौर पर माना जाता है कि सपने संकेत होते हैं और हमें किसी बात के बारे में आगाह करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सपने मन में छिपे विचारों, इच्छाओं, भय और अन्य भावनाओं से जुड़े होते हैं। विज्ञान का मानना है कि सपने हमारे मन में छिपी बातों को दर्शाते हैं। मन हमें बताता है कि आपके जीवन में क्या चल रहा है, और आप उसे समझ नहीं पाते। यानी मन अनसुलझे मुद्दों को दर्शाता है। इसलिए, सपने आपके वास्तविक जीवन से जुड़े होते हैं और हमें संकेतों के रूप में दिखाई देते हैं। आपके जीवन में जिन चीजों को बदलने या स्वीकार करने की आवश्यकता होती है, मन उन्हें सपनों के रूप में दर्शाता है। कभी-कभी भावनाएँ इतनी गहरी होती हैं कि सपने वास्तविक लगने लगते हैं।
1. सुबह के सपने खास क्यों होते हैं?
कई लोग सुबह के सपनों को बहुत खास मानते हैं। इसके पीछे एक विज्ञान है। सुबह के समय आप नींद के अंतिम चरण में होते हैं, इसलिए सुबह के सपने ज़्यादा स्पष्ट और यादगार होते हैं, इसलिए आप ख़ास महसूस करते हैं। इस मायने में कि आपको यह सपना अच्छी तरह याद है, आपको लगता है कि यह किसी न किसी रूप में सच होगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सपने किसी भी समय सच नहीं होते, बल्कि आपके लिए यह अंतरात्मा का एक संकेत होता है, जिसे आपने अपने मन की गहराई में छिपा रखा है, और उसे सामने लाने की ज़रूरत है। आपको सपनों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर आप उन्हें समझ नहीं पा रहे हैं, तो आप कई भावनाओं को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
2. क्या सपने सच होते हैं?
धार्मिक दृष्टिकोण और स्वप्न शास्त्र की दृष्टि से, सुबह देखे गए सपने अक्सर सच होते हैं। इसका कारण यह है कि ब्रह्म मुहूर्त को देवताओं का समय माना जाता है, इस समय ऊर्जा शुभ और प्रबल होती है। इस दौरान पूरी शक्ति से की गई इच्छा के पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, सुबह 3 से 6 बजे के बीच आप जो सपना देखते हैं, वह आमतौर पर 6 महीने के भीतर सच हो जाता है।
अगर आप शाम को सोते हैं, तो सुबह 6 से 10 बजे के बीच सपने के सच होने की संभावना 50 प्रतिशत होती है। अगर आप रात 12 बजे सपना देखते हैं, तो उस सपने के सच होने की संभावना 80 प्रतिशत होती है। अगर आप सुबह 9 से 10 बजे के बीच सोते हैं और दोपहर 10 से 12 बजे के बीच सपना देखते हैं, तो उसके सच होने की संभावना कम होती है, क्योंकि यह सपना दिन में आपके विचारों से जुड़ा होता है। दोपहर में देखे गए सपनों के सच होने की संभावना कम होती है।
3. बुरे सपने कब आते हैं और क्या आपको अपने सपनों के बारे में दूसरों को बताना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, जब आपकी कुंडली में राहु, केतु और शनि का प्रभाव अधिक होता है, तो आपको डरावने सपने आ सकते हैं। ऐसे में बुरे सपनों से बचने के लिए आपको इन ग्रहों की शांति करवानी होगी। अगर इन ग्रहों की स्थिति कुंडली के अनुकूल है, तो आपको ज़्यादा बुरे सपने नहीं आएंगे। यह भी कहा जाता है कि अगर सपने अच्छे परिणाम देने वाले हों, तो आपको उन सपनों के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। दूसरी ओर, यदि सपनों के अशुभ परिणाम होने की संभावना हो तो किसी को इसके बारे में बता देना चाहिए, क्योंकि इससे बुरी घटनाओं की संभावना को रोका जा सकेगा।
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Tue, Jul 22 , 2025, 09:30 AM