Health Warning: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में स्वाद और रफ़्तार दो अहम चीज़ें हैं। इसलिए, फ़ास्ट-फ़ूड, खासकर समोसा और जलेबी जैसे जंक फ़ूड (junk food), कई लोगों के रोज़मर्रा के खाने का हिस्सा बन गए हैं। यहाँ तक कि नाश्ते में समोसा और मिठाई में जलेबी खाना कुछ जगहों पर एक परंपरा बन गई है। हालाँकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों (health experts) के अनुसार, रोज़ समोसा-जलेबी खाना सिगरेट पीने जितना ही, बल्कि उससे भी ज़्यादा ख़तरनाक हो सकता है। इस शोध के बाद, जलेबी और समोसा चर्चा में आ गए। ये सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे और इनके मीम्स भी वायरल होने लगे।
लेकिन अब कई लोगों के मन में इससे जुड़े डर और कई सवाल हैं। समोसा और जलेबी खाने से असल में क्या होगा? या ये शरीर के किस हिस्से पर या कैसे असर करते हैं? और तो और, अगर आप इन्हें 15 दिन तक रोज़ खाते हैं तो क्या हो सकता है? आइए इसके बारे में थोड़ा और जानें। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Indian Health Ministry) ने हाल ही में सभी सरकारी संस्थानों और कार्यालयों में 'तेल और चीनी बोर्ड' लगाने का आदेश दिया है।
इसका उद्देश्य लोगों को इस बात से अवगत कराना है कि वे अपने दैनिक भोजन में कितना तेल और चीनी खा रहे हैं। यह जानकारी स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में प्रदर्शित की जाएगी और वसा और चीनी की मात्रा को सीधे तौर पर समझा जाएगा, ताकि लोग जागरूक हों। 100 ग्राम समोसे में लगभग 261 कैलोरी, 17 ग्राम वसा और 423 मिलीग्राम सोडियम होता है। जबकि 100 ग्राम जलेबी में 300 कैलोरी, 58 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 7 ग्राम वसा होती है। अगर इन खाद्य पदार्थों का सेवन प्रतिदिन इतनी मात्रा में किया जाए, तो इसका लीवर, हृदय और मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
अगर आप इन्हें 15 दिनों तक रोज़ाना खाते हैं तो क्या होगा?
स्पर्श अस्पताल, बैंगलोर के लीवर विशेषज्ञ डॉ. गौतम कुमार कहते हैं, "अगर कोई 15 दिनों तक रोज़ समोसे और जलेबी खाए, तो तुरंत कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन अगर वे इन्हें कुछ महीनों तक लगातार खाते हैं, तो शरीर में फैटी लिवर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, उच्च रक्तचाप, वज़न बढ़ना और मधुमेह जैसी बीमारियाँ शुरू हो जाएँगी।"
इन खाद्य पदार्थों में अत्यधिक ट्रांस फैट और चीनी होती है। यह वसा शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है, जिससे शरीर चीनी को ठीक से पचा नहीं पाता और उसे जमा कर लेता है। नतीजतन, मोटापा बढ़ता है। डॉ. कुमार कहते हैं, "इससे मूड स्विंग, दिमाग़ की धीमी गति और लगातार थकान भी हो सकती है।"
हृदय रोग का ख़तरा
दिल्ली के श्री बालाजी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर सिंघल कहते हैं, "समोसे और जलेबी में मौजूद ट्रांस फैट एलडीएल (ख़राब कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाते हैं और एचडीएल (ख़राब कोलेस्ट्रॉल) को कम करते हैं, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।"
इसे सिगरेट से ज़्यादा ख़तरनाक क्यों माना जाता है?
हाल ही में हुए एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, रोज़ाना समोसे और जलेबी खाना लंबे समय में सिगरेट पीने से भी ज़्यादा नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि इनमें मौजूद ट्रांस फैट और शुगर शरीर पर दीर्घकालिक और गंभीर प्रभाव डालते हैं। और एक बार यह आदत पड़ जाए तो इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
समोसे और जलेबी एक सुखद लालसा है! लेकिन अगर ये आपके रोज़ाना के आहार का हिस्सा बन जाएँ, तो ये लालसा नहीं, आदत बन जाती है और यह आदत धीरे-धीरे आपकी सेहत को बर्बाद कर देती है। इसलिए, आज के समय में स्वाद और सेहत के बीच सही संतुलन बनाना बेहद ज़रूरी है।
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Thu, Jul 17 , 2025, 06:06 PM