Monsoon Tips: मानसून की शुरुआत के बाद से मौसम में बड़े बदलाव हुए हैं, जिससे कई लोगों की सेहत बिगड़ गई है। इन दिनों सर्दी-ज़ुकाम, बुखार, त्वचा रोगों के साथ-साथ अपच, गैस, पेट दर्द जैसी पाचन संबंधी शिकायतें भी बढ़ गई हैं। कई लोग बारिश के दौरान भाजी, वड़े, मिसल, चाय जैसे भारी और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जो अपच का कारण बनते हैं। उमस भरा मौसम पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को धीमा कर देता है और इस प्रकार अपच की दर को बढ़ा देता है। डॉ. विशाल थेटे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मानसून के दौरान बदली हुई जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण पेट संबंधी बीमारियाँ ज़्यादा देखी जाती हैं।
इन दिनों खुले में पका हुआ, आधा पका हुआ या दूषित पानी का उपयोग करके बनाया गया भोजन खाने से अपच के साथ-साथ फ़ूड पॉइज़निंग का भी खतरा रहता है। घर का बना खाना खाना, उबला हुआ पानी पीना और साफ़-सफ़ाई बनाए रखना इन समस्याओं से बचने में मददगार है। भाजी, वड़े जैसे तले हुए खाद्य पदार्थ अपच का कारण बनते हैं। इस दौरान कई लोगों को खाना पचाने में दिक्कत होती है, पेट फूलता है, गैस बनती है और कमज़ोरी महसूस होती है।
डॉक्टरों के अनुसार, मानसून के दौरान हल्का और सुपाच्य आहार लेना ज़रूरी है। खिचड़ी, उबली हुई सब्ज़ियाँ, मूंग दाल, सूप जैसे खाद्य पदार्थ पाचन में मदद करते हैं। भोजन के बाद थोड़ा टहलना, गर्म पानी पीना और मसालेदार भोजन से दूर रहना जैसे घरेलू उपाय फायदेमंद होते हैं। कई बार लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से समस्या बढ़ जाती है, इसलिए शिकायत शुरू होते ही डॉक्टरी सलाह लेना ज़रूरी है।
हालाँकि मानसून एक खुशनुमा मौसम है, लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहना ज़रूरी है। उचित आहार, स्वच्छता और डॉक्टरी सलाह से पाचन संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। अपच जैसी आम शिकायतों को नज़रअंदाज़ करने के बजाय सही उपाय करना ही अच्छे स्वास्थ्य का मार्ग है।
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Wed, Jul 16 , 2025, 10:00 AM