Dry Fruits : आज के प्रतिस्पर्धी युग में, हर माता-पिता अपने बच्चे (child) के स्वास्थ्य, (health) विकास और मस्तिष्क के विकास को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इसके लिए, घर के आहार में प्राकृतिक पोषण मूल्य वाले खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना बेहद ज़रूरी है। "सूखे मेवे" (Dry fruits) यानी ड्राई फ्रूट्स एक ऐसा तत्व है जो बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए बेहद फायदेमंद है। हालाँकि, हर उम्र के हिसाब से सही मात्रा, सही प्रकार और सही समय का निर्धारण करना भी उतना ही ज़रूरी है।
डॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों (Doctors and nutritionists) के अनुसार, बच्चों को सही मात्रा में और सही उम्र में ड्राई फ्रूट्स देने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता से लेकर मस्तिष्क के कार्य तक कई लाभ होते हैं। नीचे कुछ प्रमुख और सुरक्षित ड्राई फ्रूट्स और उनके लाभ दिए गए हैं।
बादाम
लाभ: मस्तिष्क का विकास, एकाग्रता, हड्डियों को मज़बूती।
कैसे दें: 2-3 बादाम रात भर भिगोएँ, सुबह उन्हें छीलकर बच्चों को दें। छोटे बच्चों को इसे दूध में पेस्ट या पाउडर के रूप में दिया जा सकता है। इससे बादाम के सभी पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं।
अखरोट
लाभ: ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बेहतरीन स्रोत, मस्तिष्क के कार्य के लिए अत्यंत लाभकारी।
कैसे दें: 2-5 साल के बच्चों को आधा अखरोट का पेस्ट बनाकर दें। 5 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को रोज़ाना 1 अखरोट दिया जा सकता है।
किशमिश
लाभ: आयरन, पाचन के लिए लाभदायक, थकान कम करता है।
कैसे दें: 4-5 किशमिश रात भर भिगोकर सुबह बच्चों को दें। इनमें प्राकृतिक शर्करा की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए मात्रा का ध्यान रखना ज़रूरी है।
अंजीर
लाभ: फाइबर से भरपूर, कब्ज से बचाता है, पाचन में सुधार करता है।
कैसे दें: 1 अंजीर भिगोएँ और जब वह नरम हो जाए, तो 2 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।
खजूर
लाभ: तुरंत ऊर्जा देता है, आयरन और पोटेशियम का अच्छा स्रोत है।
कैसे दें: छोटे बच्चों को दूध में खजूर का पेस्ट मिलाकर दें। 2-3 साल की उम्र के बाद साबुत खजूर दिए जा सकते हैं, लेकिन चबाने की क्षमता का ध्यान रखें।
पिस्ता
लाभ: प्रोटीन, स्वस्थ वसा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
कैसे दें: बिना नमक वाले पिस्तों को पीसकर पाउडर बना लें या 1-2 पिस्तों के छोटे टुकड़े दें।
सावधानियाँ:
1 साल से कम उम्र के बच्चों को कभी भी साबुत सूखे मेवे न दें, क्योंकि उनके गले में अटकने का खतरा रहता है।
2. सूखे मेवों को हमेशा भिगोकर रखें या उनका पेस्ट बना लें।
3. अगर बच्चे को मेवों से एलर्जी है, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही उन्हें दें।
4. ज़्यादा मात्रा में देने से बचें, क्योंकि बहुत ज़्यादा सूखे मेवे खाने से पेट फूलना, गैस या अपच हो सकती है।
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Tue, Jul 15 , 2025, 07:40 PM