सावन में न खाएं ये चीजे, वरना पड़ेगा भारी! बैंगन और पत्तेदार सब्जियों से लेकर दूध, दही भी है वर्जित, साइंस में छिपी है इसकी वजह 

Mon, Jul 14 , 2025, 04:30 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Prohibited food in Sawan : धार्मिक मान्यताओं (religious beliefs) के मुताबिक सावन का महीना (month of Sawan) बहुत ही पवित्र होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित (dedicated to Lord Shiva) है और इस दौरान उनकी पूजा-अर्चना करने से भोलेबाबा की विशेष कृपा (special blessings of Lord Shiva.) मिलती है। सावन महीने में न सिर्फ पूजा पाठ करने से बल्कि और भी कई उपाय ऐसे हैं जिन्हे अपनाने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। आध्यात्मिक लिहाज से इस महीने में कई सारी चीजों की मनाही होती हैं। इस मौसम में अक्सर दूध-दही, बैंगन जैसे कई सारे फूड्स (Sawan 2025 Food Tips) को खाने से परहेज करने को कहा जाता है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है ही, साथ ही इसकी वैज्ञानिक वजह भी है। आइए  मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद में न्यूट्रिशनिस्ट और डायटेटिक्स हेड डॉ.नीति शर्मा से जानते हैं इन फूड्स को न खाने के पीछे का साइंस-

सावन में नहीं खाते बैंगन-पत्तेदार सब्जियां
आपने अक्सर बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि सावन के दिनों पत्तेदार साग और बैंगन नहीं खाना चाहिए, लेकिन क्या आपने कभी इसे न खाने की वजह जानने की कोशिश की। अगर नहीं, तो चलिए हम आपको इसकी वजह बताते हैं। दरअसल, सावन यानी बरसात के दिनों में चारों तरफ बारिश की वजह से नमी रहती है, जो कई तरह के इन्फेक्शन फैलाने वाले जीवाणु के पनपने के लिए सही वातावरण बनाता है। साथ ही इस मौसम में कई तरह के कीड़े-मकौड़े भी निकलने लगते हैं, जो हरी सब्जियों, और बैंगन छिप रहते हैं, जिससे इन्हें खाने से सेहत को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा बैंगन काफी हैवी होता है, जिसे पचाना मुश्किल होता है।

दूध-दही और कढ़ी न खाने का कारण
इस मौसम में अक्सर दूध-दही, कढ़ी और रायता खाने की भी मनाही होती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, सावन यानी बरसात के दिनों में नमी की वजह से हर तरफ बैक्टीरिया और कीटाणु होते हैं और ऐसे मौसम में इन फूड्स को खाने से गैस, एसिडिटी, अपच या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

साथ ही भारी होने की वजह से इन फूड्स को पचाना भी मुश्किल होता है, जिससे पाचन पर बुरा असर पड़ता है। वहीं, दूध के लिए इसलिए मना किया जाता है, क्योंकि बरसात में जानवर जिस घास या चारे को खाते हैं, उसमें भी कीड़े-मकोड़े छिपे हो सकते हैं, जिससे दूध की शुद्धता पर असर पड़ता है और सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।

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