Scientific importance of Sawan: जुलाई का महीना शुरू हो गया है और जुलाई का महीना मतलब आस्था और विश्वास का महीना। बता दें, सावन को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है और इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। सावन का महीना (month of Sawan) आते ही हर जगह हरियाली और खुशहाली का माहौल देखने को मिलता हैं। जब सावन का महीना आता है, तो एक अलग ही उमंग और आस्था का माहौल (atmosphere of enthusiasm) बन जाता है। चारों ओर हरियाली छा जाती है, हवा में मिट्टी की सौंधी खुशबू घुल जाती है और शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सावन का महीना सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक नजर से भी कितना जरूरी है (Sawan Month Scientific Reasons)? आइए जानते हैं कैसे।
सावन महीने का वैज्ञानिक महत्व (Sawan Month Significance)
प्रकृति में चौतरफा शुद्धता
सावन आते ही प्रकृति अपने चरम पर होती है। लगातार बारिश से धूल और प्रदूषण नीचे बैठ जाता है, हवा में ताजगी और शुद्धता बढ़ जाती है। पेड़-पौधे खूब हरे-भरे होते हैं और ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे हमारे आसपास की हवा सांस लेने के लिए और भी बेहतर हो जाती है। यह शुद्ध वातावरण हमारे फेफड़ों और पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
व्रत रखना और फलाहार करना भी महत्वपूर्ण
इस समय वातावरण में नमी बहुत बढ़ जाती है, जिससे पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो सकती है। यही वजह है कि हमारे पूर्वजों ने इस दौरान हल्के और आसानी से पचने वाले भोजन पर जोर दिया। व्रत रखना और फलाहार करना शरीर को अंदर से साफ करने और पाचन तंत्र को आराम देने का एक वैज्ञानिक तरीका है। इससे शरीर बदलते मौसम के अनुकूल खुद को ढाल पाता है।
बीमारियों से बचाव का समय
मानसून में अक्सर पानी से जुड़ी बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है। सावन में कई लोग पानी उबालकर पीने या खास तरह की चीजें खाने पर जोर देते हैं। यह असल में पानी से होने वाली बीमारियों से बचने का एक प्राचीन तरीका है। मंदिरों में अक्सर तुलसी का इस्तेमाल और गंगाजल का महत्व भी पानी को शुद्ध रखने और उसके औषधीय गुणों को बढ़ाने से जुड़ा है।
जल संरक्षण का प्राकृतिक चक्र
सावन की बारिश सिर्फ धरती को हरा-भरा ही नहीं करती, बल्कि यह भूजल स्तर को रिचार्ज करने का भी जरूरी समय है। नदियों, तालाबों और कुओं में पानी भर जाता है। यह प्राकृतिक रूप से जल संरक्षण का एक बड़ा चक्र है, जो भीषण गर्मी के बाद धरती को पानी से भर देता है।
भक्तिमय माहौल तनाव को कम करता है
हरी-भरी प्रकृति, ठंडी हवा और बारिश की बूंदें मानसिक शांति के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं। सावन का महीना हमें प्रकृति के करीब आने का मौका देता है। ध्यान, पूजा-पाठ और भक्तिमय माहौल तनाव को कम करने और मन को शांत रखने में मदद करता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि प्रकृति के बीच समय बिताने से हमारा मूड बेहतर होता है और चिंता कम होती है।
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Mon, Jul 14 , 2025, 03:46 PM