Saving Tips: कम सैलरी में भी करना चाहते हैं बचत? तो अपनाएं ये 70:20:10 वाला फ़ॉर्मूला, होगी बचत ही बचत ; कर्ज से भी मिलेगी मुक्ति 

Mon, Jul 14 , 2025, 02:06 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

How to Save Money From Salary: आज हर कोई ऐसी स्थिति में है जहाँ सैलरी आते ही खर्च हो जाती है। खाते में सैलरी आने की खुशी बस एक दिन, किसी को एक हफ़्ते और किसी को कुछ घंटों तक ही रहती है। सैलरी मिलने के बाद हम ये-वो कर सकें, इसके लिए जो टावर बनाए जाते हैं, वो सब पल भर में ढह जाते हैं, क्योंकि हमारे सामने बिल, ईएमआई, किराया और ऐसी ही दूसरी परेशानियाँ होती हैं।  महीने के अंत में जेब में या खाते में जो बचता है, वो बम की तरह होता है। फिर सवाल उठता है कि क्या करें। उधार लेने का सिलसिला शुरू होता है और फिर सैलरी आती-जाती रहती है। अगर आप इस सारे चक्र से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक ज़रूरी खबर है।

बढ़ती महंगाई (rising inflation) के साथ, हर महीने की सैलरी की सही प्लानिंग ज़रूरी हो गई है। इसका एक आसान और कारगर उपाय है 70-20-10 फ़ॉर्मूला। इस फ़ॉर्मूले के मुताबिक, आपको अपनी मासिक सैलरी (monthly salary) को तीन हिस्सों में बाँटना होगा। आपको अपने वेतन को तीन चरणों में बाँटना होगा: ज़रूरी खर्च, बचत और कर्ज़ चुकाना। उदाहरण के लिए, अगर आपका वेतन 30,000 रुपये है, तो आपको लगभग 20 से 21,000 रुपये की राशि अलग रखनी चाहिए, जिसका 20 प्रतिशत एक तरफ 6,000 रुपये और 10 प्रतिशत एक तरफ 3,000 रुपये होगा।

70% ज़रूरी और विवेकाधीन खर्च
आपके वेतन का 70% हिस्सा मकान का किराया, किराने का सामान, बिजली का बिल, पानी का बिल, बच्चों की स्कूल फीस, क्रेडिट कार्ड बिल और अन्य ज़रूरी खर्चों पर खर्च होना चाहिए। इस हिस्से से आप विवेकाधीन खर्च कर सकते हैं, यानी फिजूलखर्ची नहीं, जैसे कभी-कभार खरीदारी या छोटी-मोटी यात्राएँ। हालाँकि, इन सभी खर्चों को इस 70% के भीतर सीमित रखना ज़रूरी है, वरना आप बचत नहीं कर पाएँगे।

बचत के लिए 20%
इस फॉर्मूले के अनुसार, आपके वेतन का 20% आपके भविष्य की सुरक्षा के लिए अलग रखा जाना चाहिए। आप इस राशि को डाकघर की योजनाओं, सावधि जमा या बचत या SIP जैसे निवेश विकल्पों में निवेश कर सकते हैं। अगर आप ज़्यादा रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प चुनते हैं, तब भी उचित योजना बनाना ज़रूरी है।

कर्ज चुकाने के लिए 10%
आपके वेतन का शेष 10% हिस्सा कर्ज चुकाने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर आप पर कोई कर्ज है जैसे होम लोन, पर्सनल लोन या किसी से लिया गया पर्सनल लोन, तो उसे इसी हिस्से से चुकाया जा सकता है। इस तरह, कर्ज की राशि धीरे-धीरे कम हो सकती है और आर्थिक तनाव से भी बचा जा सकता है।

दूसरा फ़ॉर्मूला क्या है?
यह फ़ॉर्मूला आपको अनुशासित तरीके से अपने वेतन की योजना बनाने और अपने भविष्य को और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। आप इसे सरल भी बना सकते हैं। मान लीजिए आपकी सैलरी 50 हज़ार है, तो आपको 25 हज़ार रुपये अलग रखने चाहिए और 25 हज़ार रुपये अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर खर्च करने चाहिए। 25 हज़ार को फिर से दो हिस्सों में बाँट लें, जिसमें से 12,500 रुपये बचत में लगाने हैं। फिर 12,500 रुपये इमरजेंसी फंड के लिए रखने हैं। यानी आप 50-25-25 जैसा फ़ॉर्मूला भी बना सकते हैं।

दो बैंक खाते ज़रूरी हैं
यह सब करने के लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के अलावा आपके पास एक अतिरिक्त खाता होना चाहिए। आप इस बचत राशि को उसमें जमा कर सकते हैं। आपसे उम्मीद की जाती है कि आप अपनी बचत की योजना वहीं बनाएँ।

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