Sawan Mehndi: श्रावण मास में महिलाओं को मेहंदी क्यों लगानी चाहिए? जानें कारण!

Sun, Jul 13 , 2025, 09:53 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Sawan Mein Mehandi Lgane ke Fayde: हिंदू धर्म में हर त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया (Every festival is celebrated) जाता है। श्रावण मास शुरू होते ही कई त्यौहार आते हैं। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा (worshiping Lord Shiva) करने से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति भी मिलती है। धार्मिक ग्रंथों में श्रावण मास के महत्व का वर्णन किया गया है। श्रावण मास में हमारी सृष्टि और आसपास का क्षेत्र हरा-भरा होता है। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ श्रृंगार और मेहंदी लगाने को भी विशेष महत्व दिया जाता है। हालाँकि, यह परंपरा केवल सुंदरता से ही जुड़ी नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। आइए जानें कि श्रावण मास में महिलाओं को मेहंदी क्यों लगानी चाहिए?

श्रावण मास में महिलाएं मेहंदी क्यों लगाती हैं?

श्रावण मास में महिलाओं को मेहंदी इसलिए लगानी चाहिए क्योंकि शास्त्रों में महिलाओं को प्रकृति का स्वरूप माना गया है। ऐसे में प्रकृति से एकाकार होने के लिए महिलाएं श्रावण में मेहंदी लगाती हैं और शास्त्रों में ऐसा करने की बात कही गई है। इसके साथ ही, वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है कि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। जिसका आपके स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। श्रावण मास में वर्षा बहुत होती है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, ऐसे में मेहंदी की ठंडी तासीर त्वचा संबंधी समस्याओं आदि को कम कर सकती है।

पुराणों में कहा गया है कि श्रावण मास में स्त्री-पुरुषों को ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करना चाहिए। मेहंदी लगाने के पीछे एक कारण यह भी है कि यह मन को नियंत्रित करने में मदद करती है क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी मानी जाती है। यही कारण है कि श्रावण मास में अधिकांश नवविवाहिताएँ अपने पति से दूर मायके जाती हैं और वहाँ भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति भाव से पूजा करती हैं।

मेहंदी को सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है और हथेली पर मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, जीवनसाथी के साथ उतना ही अधिक सामंजस्य और प्रेम बना रहता है। श्रावण को प्रकृति और पुरुष के मिलन का महीना माना जाता है। इसी महीने में भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलन हुआ था। भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी बनाने का आशीर्वाद दिया था। इसलिए, सुहाग की दीर्घायु और वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द के लिए, महिलाएं मेहंदी लगाती हैं और भगवान शिव व देवी पार्वती की पूजा करती हैं। रक्षा बंधन और हरियाली तीज का त्योहार भी श्रावण में पड़ता है। रक्षा बंधन पर मेहंदी लगाने से भाई की आयु बढ़ती है और भाई-बहन के रिश्ते में हमेशा मधुरता बनी रहती है। वहीं, पति की दीर्घायु के लिए हरियाली तीज पर मेहंदी लगाई जाती है। श्रावण मास में मेहंदी लगाने से आपका रिश्ता मजबूत होता है।

मेहंदी और देवी पार्वती का रिश्ता...

पौराणिक मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए श्रावण मास में कठोर तपस्या की थी। तभी से, श्रावण मास महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य से जुड़ा माना जाता है। इस माह में मेहंदी लगाने से देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं और पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

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