बच्चों को छोटी उम्र में ही चश्मे की ज़रूरत क्यों पड़ती है?: डॉ. हर्ष (BAMS, MD, Ais आयुर्वेदिक अस्पताल) (Dr. Harsh (BAMS, MD, Ais Ayurvedic Hospital)) के अनुसार, बच्चों की आँखों (Eye Care) पर सबसे पहले नवजात अवस्था में असर पड़ता है, जब उन्हें मशीन में रखा जाता है, खासकर पीलिया से बचाव के लिए। उसके बाद मोबाइल और टीवी का ज़्यादा इस्तेमाल आँखों पर बुरा (bad on the eyes) असर डालता है। इसी वजह से छोटी उम्र में ही नज़र कमज़ोर हो जाती है और चश्मा लगाना पड़ता है।
घरेलू उपाय जिससे आँखों की रौशनी बेहतर हो सकती है: अगर आपको भी कमज़ोर नज़र की समस्या है और चश्मे का नंबर लगातार बढ़ रहा है, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. हर्ष द्वारा सुझाया गया ये घरेलू उपाय आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। इसके लिए इन चीज़ों को मिलाकर चूर्ण बना लें।
आँखों की रौशनी बेहतर करने वाला चूर्ण बनाएँ: इस चूर्ण को बनाने के लिए बादाम, काली मिर्च, सोआ, छोटी इलायची और दानेदार चीनी लें। इन सबको पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का आधा-आधा चम्मच सुबह, दोपहर और शाम सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपकी आँखों की रौशनी बेहतर होने लगेगी।
आँखें साफ़ करें और व्यायाम करें: डॉ. हर्ष कहते हैं कि खाने के बाद मुँह को पानी से धोना और ठंडे पानी से आँखें धोना भी आपकी दृष्टि को मज़बूत करता है। इसके साथ ही, आँखों को ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ घुमाने जैसे कुछ आसान व्यायाम भी फायदेमंद होते हैं।
मेषी चश्मा भी मददगार: जिन लोगों को आँखों के व्यायाम करने में दिक्कत होती है, वे बाज़ार से बिना लेंस वाले मेषी चश्मा खरीद सकते हैं। इनमें छोटे-छोटे छेद होते हैं, जो आँखों को आराम देते हैं और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
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Sun, Jul 13 , 2025, 02:58 PM