हम सभी को नींद में सपने आते हैं, कुछ अच्छे होते हैं और कुछ बुरे। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि इसका सीधा संबंध उनके स्वास्थ्य से है। यूरोपियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी कांग्रेस में एक शोध रिपोर्ट प्रकाशित हुई। यह रिपोर्ट जून के महीने में प्रकाशित हुई थी।
इसमें कहा गया है कि जिन वयस्कों को हर हफ्ते बुरे सपने आते हैं, उनके सत्तर साल की उम्र से पहले ही असमय मरने की संभावना अधिक होती है। जिन लोगों को कभी-कभी या कभी भी बुरे सपने नहीं आते हैं, उनकी तुलना में जिन्हें बुरे सपने आते हैं, उनके असमय मरने की संभावना 3 गुना अधिक होती है। बुरे सपने आने से समय से पहले बुढ़ापा आता है, क्योंकि ये सपने संकेत देते हैं कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो रही है।
इस बात पर शोध किया गया कि किसी व्यक्ति को कितनी बार बुरे सपने आते हैं और उसकी कोशिकाएँ कितनी जल्दी बूढ़ी होती हैं। डॉ. अबिदेमी ओटाइकू के नेतृत्व में यह शोध किया गया। उनकी टीम ने 8 से 10 वर्ष की आयु के 2,429 बच्चों और 26 से 86 वर्ष की आयु के 1,83,012 लोगों से जानकारी एकत्र की और उनका अध्ययन किया। इन सभी पर अगले 19 वर्षों तक कड़ी निगरानी रखी गई। शोधकर्ताओं ने कहा है कि बुरे सपने आने से नींद में खलल पड़ता है और नींद की अवधि कम हो जाती है।
इसका शरीर की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये कोशिकाएं खुद की मरम्मत करने की क्षमता खो देती हैं। मानसिक तनाव, अपर्याप्त नींद और बुरे सपनों के कारण नींद में खलल, इन तीनों चीजों का असर कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करने में होता है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करके बुरे सपने आने की आवृत्ति को कम किया जा सकता है। अवसाद, डर और मूड डिसऑर्डर के लिए मनोचिकित्सक से इलाज करवाना जरूरी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि रात को सोते समय हॉरर फिल्में नहीं देखनी चाहिए।
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Tue, Jul 08 , 2025, 10:30 AM