Water fasting: 24 घंटे पानी पर उपवास करने से शरीर पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर्स द्वारा बताए गए फायदों को सुनकर आप भी हो जायेंगे हैरान!

Tue, Jul 08 , 2025, 10:00 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Water fasting: आजकल बदलती लाइफ़स्टाइल के कारण वज़न बढ़ना एक समस्या बन गई है। काम के तनाव, एक्सरसाइज़ की कमी, गलत खान-पान के कारण लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इसके लिए इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है कि कैसे जल्दी से वज़न घटाया जाए। सोशल मीडिया पर अक्सर कुछ ट्रेंड होते रहते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वॉटर फास्टिंग एक हॉट टॉपिक बन गया है। यह एक फास्टिंग तकनीक है, जिसमें व्यक्ति कुछ नहीं खाता, कोई दूसरा ड्रिंक नहीं पीता, बल्कि सिर्फ़ पानी से अपना पेट भरता है।

मशहूर लेखक और ऑनलाइन हेल्थ कोच बेन आज़ादी ने अपने वज़न घटाने के सफ़र के बारे में बात की है, उन्होंने 36 किलो चर्बी घटाई है। इंस्टाग्राम वीडियो में उन्होंने चर्बी घटाने की एक बोल्ड स्ट्रेटेजी शेयर की है। इस बार उन्होंने बताया कि वे हफ़्ते में एक बार 24 घंटे का वॉटर फास्ट कर रहे हैं। आज़ादी के मुताबिक, इस फास्टिंग मेथड से न सिर्फ़ जिद्दी चर्बी बर्न होती है बल्कि आंतों की सेहत भी दुरुस्त होती है। फरीदाबाद स्थित यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स में इंटरनल मेडिसिन और रुमेटोलॉजी के निदेशक डॉ. जयंत ठाकुरिया ने पूरे दिन उपवास रखने के लाभों के बारे में द इंडियन एक्सप्रेस से बात की।

स्वास्थ्य कोच आज़ादी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि पूरे दिन उपवास रखने से वज़न घटाने के अलावा कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, "अपने पेट को फिर से बनाने, वसा को जलाने और बीमारी को रोकने के लिए सप्ताह में एक बार ऐसा करें। इसे 24 घंटे का जल उपवास कहा जाता है। शोध से पता चला है कि आंतों की स्टेम कोशिकाएँ बढ़ती हैं; तो इसका क्या मतलब है? अगर आप गैस, सूजन, कब्ज, दस्त या लीकी आंत से पीड़ित हैं, तो आप 24 घंटे का जल उपवास करके अपने पेट को साफ कर सकते हैं।

जल उपवास के पीछे का विज्ञान
जबकि रुक-रुक कर उपवास लोकप्रिय हो रहा है, क्या 24 घंटे का जल उपवास वास्तव में वसा कम करने का एक स्थायी और सुरक्षित तरीका है?

डॉ. जयंत ठाकुरिया इस बात से सहमत हैं कि उपवास फायदेमंद हो सकता है और कहते हैं कि सप्ताह में एक बार 24 घंटे का जल उपवास कैलोरी की कमी पैदा करके और चयापचय लचीलेपन को बढ़ाकर वसा कम करने में आपकी मदद कर सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि रुक-रुक कर उपवास करने से वसा ऑक्सीकरण बढ़ सकता है, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है और ऑटोफैगी (कोशिका मरम्मत) को बढ़ावा मिल सकता है।

इस बीच, डॉ. ठाकुरिया संभावित नुकसानों पर भी प्रकाश डालते हैं। वे चेतावनी देते हैं कि लंबे समय तक उपवास करने से थकान, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन या मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है अगर ऐसा न किया जाए ठीक से। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। पाचन संबंधी विकार, निम्न रक्तचाप या उपवास के बाद अधिक खाने की प्रवृत्ति वाले लोगों को इसे सावधानी से करना चाहिए।

क्या 24 घंटे का उपवास आपके लिए सही है?
डॉ. ठाकुरिया कहते हैं कि उपवास करके जिद्दी चर्बी को पिघलाने का विचार आकर्षक है, लेकिन स्थायी वजन घटाने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सावधानीपूर्वक निगरानी की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञ आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों को सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय तक उपवास करने से पहले स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करने की सलाह देते हैं। उपवास के पीछे के विज्ञान को समझना और इसे अपने शरीर की ज़रूरतों के हिसाब से ढालना महत्वपूर्ण है।

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