Mask Festival Tips: अगर आप भारत के सांस्कृतिक रंगों का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस ‘मास्क फेस्टिवल’ को जरूर देखें!

Sun, Jul 06 , 2025, 06:39 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Art Music and Culture : भारत विविधताओं वाला देश है। यहां धर्म, जाति, भाषा, परंपरा, खान-पान संस्कृति और वेशभूषा हर क्षेत्र में अलग-अलग है। यह सांस्कृतिक विविधता कई पारंपरिक त्योहारों और समारोहों में देखने को मिलती है। खास तौर पर कुछ जगहों पर मनाए जाने वाले ‘मास्क फेस्टिवल’ (Mask Festival) भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का बेहतरीन उदाहरण हैं। इन त्योहारों में रंग-बिरंगे मुखौटे पहनकर पारंपरिक नृत्य और कहानी सुनाई जाती है, जिससे दर्शकों को भारत की लोक कला, इतिहास और आध्यात्मिकता की झलक मिलती है।

लद्दाख का हेमिस फेस्टिवल

जुलाई की शुरुआत में लद्दाख के हेमिस मठ में एक भव्य उत्सव मनाया जाता है, जिसे हेमिस फेस्टिवल कहा जाता है। इस साल यह उत्सव 5 और 6 जुलाई को मनाया जा रहा है। यह उत्सव तिब्बती बौद्ध गुरु पद्मसंभव (Tibetan Buddhist guru Padmasambhava) के सम्मान में आयोजित किया जाता है। इसमें भिक्षु एक मनमोहक चाम नृत्य करते हैं, जिसमें वे रंग-बिरंगे मुखौटे पहनते हैं और बुरी आत्माओं पर अपनी जीत का प्रतीक होते हैं। इस दौरान लद्दाख का मौसम अनुकूल रहता है, क्योंकि यहां बारिश कम होती है। इसलिए यह यात्रा करने का सबसे अच्छा समय है।

सिक्किम का पंग ल्हबसोल

सिक्किम में पंग ल्हबसोल उत्सव कंचनजंगा पर्वत के सम्मान में मनाया जाता है। इस पर्वत को सिक्किम का संरक्षक देवता माना जाता है। इसमें लोपा, लेप्चा और भूटिया के आदिवासी समुदायों की संस्कृति एक साथ आती है। इसमें रंग-बिरंगे मुखौटे पहनकर पारंपरिक नृत्य शामिल होते हैं। यह त्यौहार भाद्रपद के महीने में यानी अगस्त-सितंबर के बीच मनाया जाता है।

महाराष्ट्र का बोहाड़ा

महाराष्ट्र के ठाणे और नासिक जिलों में मनाया जाने वाला बोहाड़ा त्यौहार आदिवासी लोकगीतों का जीवंत त्यौहार है। वारली और कोंकणी आदिवासी समुदाय देवी-देवताओं, राक्षसों और जानवरों के मुखौटे पहनकर लोकगीतों के साथ पारंपरिक नृत्य करते हैं। यह त्यौहार मई के महीने में 3 दिनों या कुछ हिस्सों में अक्टूबर में मनाया जाता है।

केरल का ओणम और कुम्माटिकली

ओणम केरल का सबसे बड़ा त्यौहार है और इस साल 26 अगस्त से 5 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस त्यौहार में कुम्माटिकली नामक लोक नृत्य शैली शामिल है, जिसमें कलाकार रंग-बिरंगे मुखौटे पहनते हैं और पौराणिक कथाओं और प्रकृति पूजा की महिमा गाते हैं। त्रिशूर कुम्माटिकली के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

अरुणाचल प्रदेश का द्री और द्रुबा महोत्सव

द्री महोत्सव जुलाई के महीने में जीरो जिले में मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान अपतानी समुदाय अच्छी फसल के लिए देवताओं से प्रार्थना करता है। इसके साथ ही, मोनपा समुदाय हर साल मार्च में 'द्रुबा महोत्सव' मनाता है। इसमें मुखौटे पहने लामा बौद्ध मंत्रों के साथ पारंपरिक नृत्य करते हैं।

पश्चिम बंगाल का चाउ मास्क महोत्सव

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के चरिदा गांव में हर साल चाउ मास्क महोत्सव मनाया जाता है। यहां लोग योद्धाओं की पोशाक पहनकर ढाक थापा पर नृत्य करते हैं और रामायण और महाभारत की कहानियों का अभिनय करते हैं। यह त्यौहार मार्च-अप्रैल में राम नवमी के दौरान मनाया जाता है और इसकी परंपरा 150 से अधिक वर्षों से है।

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