Pregnancy Tips: देशभर में बच्चे के जन्म की खुशी में अलग-अलग रीति-रिवाज अपनाए जाते हैं। अब कहीं बच्चे के जन्म के छह दिन बाद छठी मनाई जाती है, जिसमें खास पकवान बनाए जाते हैं और पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं कहीं बारहवें दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें रिश्तेदारों और पड़ोसियों को आमंत्रित किया जाता है और इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।
हर रीति-रिवाज का अपना महत्व होता है, लेकिन अगर ये परंपराएं नवजात शिशु के स्वास्थ्य को खतरे में डालने लगें तो हर किसी को सोचने की जरूरत है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें एक मां ने अपने बच्चे को सिर्फ शुभकामनाएं देने के लिए स्तनपान नहीं कराया। जब डॉ. शेफाली को इस बारे में पता चला तो वह भी हैरान रह गईं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के जरिए पूरा मामला शेयर किया है। आइए जानते हैं।
बच्चे को स्तनपान नहीं करवाना एक रिवाज है इंस्टाग्राम पर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक डॉक्टर एक नई मां से पूछती हुई नजर आ रही है, 'क्या आपने अपने बच्चे को स्तनपान करवाया है?' इस पर महिला जवाब देती है, 'नहीं मैडम, अभी तक नहीं... हमारे यहां एक रस्म होती है, इसलिए मैंने अभी तक बच्चे को स्तनपान नहीं करवाया है।'
ननद ने मां के स्तन साफ किए
डॉक्टर ने आश्चर्य से पूछा, 'ये कैसी रस्म है?' इस पर महिला ने जवाब दिया, 'मैम, हमारे यहां आंचल खोलना शुभ माना जाता है। यह सुनकर डॉक्टर कहती है, 'भारत के कई हिस्सों में ऐसी रस्म होती है, जिसमें घर की भाभी, जेठानी, बड़ी महिला या छोटी बेटी मां के स्तन साफ करती है।' और उसके बाद ही मां बच्चे को स्तनपान करवाती है, जिसके बाद उसे शगुन दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परंपरा से नवजात के स्वास्थ्य को कितना खतरा हो सकता है?
कितना नुकसान?
डॉक्टर आगे कहती हैं, 'क्या आपने कभी सोचा है कि इस रिवाज से बच्चे को कितना नुकसान हो सकता है? सिर्फ़ एक आंटी या मौसी आती हैं और रस्म पूरी हो जाती है, क्या बच्चा मां का दूध नहीं पिएगा? वो भी तब जब सिजेरियन डिलीवरी के तीन घंटे बीत चुके हों।'
त्वचा से त्वचा का संपर्क मां और बच्चा
डॉ. शेफाली आगे कहती हैं कि अगर जन्म के 8 घंटे के अंदर मां और बच्चे के बीच त्वचा से त्वचा का संपर्क स्थापित नहीं होता और स्तनपान शुरू नहीं किया जाता, तो नवजात शिशु को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे, बच्चे को हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, यानी बच्चे का ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
डिहाइड्रेशन
अगर समय पर स्तनपान न कराया जाए, तो बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। कई बार इससे बचने के लिए माता-पिता बच्चे को फॉर्मूला मिल्क देना शुरू कर देते हैं। लेकिन यह नवजात शिशु के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है, क्योंकि जन्म के तुरंत बाद मां के दूध में मौजूद कोलोस्ट्रम बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत ज़रूरी होता है। डॉक्टर अंत में कहते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी के तुरंत बाद और सिजेरियन के बाद 1 से 2 घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान कराना बहुत जरूरी है। यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
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Fri, Jul 04 , 2025, 10:15 AM