Cardiac arrest: 'काटा लगा' गर्ल शेफाली जरीवाला की अचानक मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया है। महज 42 साल की उम्र में उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ, जिससे कई युवाओं के मन में बेचैनी है। खास बात यह है कि वह बिना किसी पुरानी बीमारी के फिट दिखने वाली अभिनेत्री थीं। डॉक्टरों के मुताबिक उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था और इसी वजह से वह कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गईं।
अब सवाल यह है कि जब शरीर इतनी बड़ी चेतावनी दे रहा हो तो क्या हमे इसे नजरअंदाज करना चाहिए? हृदय रोग और स्ट्रोक अचानक नहीं आते। इनके कुछ सांकेतिक लक्षण होते हैं, जिन पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो जान बच सकती है। आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में हर किसी को यह जानकारी रखने की जरूरत है।
कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक
हृदय से जुड़ी तीन अलग-अलग लेकिन गंभीर समस्याएं हैं, जिनका नाम है कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक। कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक रुक जाता है, रक्त प्रवाह रुक जाता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। हार्ट अटैक में दिल की रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे सीने में दर्द, पसीना आना और सांस लेने में दिक्कत होती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या रक्तस्राव होता है, जिससे याददाश्त, बोलने और हरकत करने की क्षमता प्रभावित होती है। हालांकि इन तीनों के लक्षण अलग-अलग हैं, लेकिन मौत के मामले में ये समान रूप से गंभीर हैं।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट
शेफाली के मामले में कहा जाता है कि उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ था, लेकिन अक्सर इसके पहले लक्षण दिखते हैं। सीने में दर्द, गर्दन या बांहों में झुनझुनी, सांस लेने में दिक्कत, बहुत थकान महसूस होना या अचानक चक्कर आना ये सभी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से पहले के लक्षण हो सकते हैं। कई बार लोग इन्हें अनदेखा कर देते हैं या इन्हें अपच या थकान समझ लेते हैं। लेकिन कुछ पलों के ये लक्षण अगले संकट की शुरुआत हो सकते हैं।
स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है या रक्तस्राव होता है। इसमें चेहरे की हरकतें अचानक खराब हो जाती हैं, मुस्कुराते समय मुंह टेढ़ा हो जाता है, बोलने में दिक्कत होती है, शब्द साफ नहीं आते। हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं या उन पर नियंत्रण नहीं रहता। कई बार दृष्टि धुंधली हो जाती है, याददाश्त कम हो जाती है। ये लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना जीवन बचाने की दिशा में पहला कदम है।
दिल को खतरे में डालने वाले ‘खामोश’ कारण
हम जिन चीजों से आम तौर पर बचते हैं, जैसे कि पूरी नींद लेना, स्ट्रेस फ्री रहना, व्यायाम करना, तैलीय-फास्ट फूड न छोड़ना, धूम्रपान-शराब न छोड़ना, ये सभी चीजें धीरे-धीरे दिल को प्रभावित करती हैं। जब उच्च रक्तचाप, शुगर और कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बिगड़ता है, तो दिल तेजी से कमजोर होने लगता है। ये ‘खामोश जोखिम कारक’ स्ट्रोक और दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार होते हैं, खासकर कम उम्र में।
दिल को स्वस्थ रखना है तो इन पांच नियमों का पालन करें:
रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें, योग या कार्डियो एक्सरसाइज करें।
कम नमक, कम चीनी वाला आहार लें, खूब सारे फल और सब्जियां और खूब सारा पानी पिएं।
हर छह महीने में अपना ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल चेक करवाएं।
तनाव को दूर रखने के लिए मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और शौक अपनाएं।
यदि आपको सीने में थोड़ी सी भी असुविधा महसूस हो या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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Fri, Jul 04 , 2025, 09:45 AM