Prohibited things in Shravan: हिंदू धर्म में श्रावण मास (Shravan month) का बहुत महत्व है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित (dedicated to Lord Shiva) है। इस दौरान कई लोग व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल (offer water to Shivling) चढ़ाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल श्रावण 25 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को खत्म होगा। खास बात यह है कि इस साल श्रावण का पहला और आखिरी दिन सोमवार को पड़ रहा है, जिसे शिव भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। श्रावण मास में खान-पान को लेकर कुछ नियम होते हैं। इस दौरान दही और दही से बनी चीजें जैसे छाछ, रायता आदि खाने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे न सिर्फ धार्मिक मान्यताएं हैं, बल्कि आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं।
क्या खाएं और क्या न खाएं?
धार्मिक दृष्टि से मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव को दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है। लेकिन इस दौरान दही खाना वर्जित माना गया है। शिवपुराण (Shiv Puran) और अन्य ग्रंथों में कहा गया है कि इस महीने में शरीर को शुद्ध और पवित्र रखना चाहिए, ताकि व्रत, ध्यान और पूजा का पूरा फल मिल सके। धार्मिक दृष्टि से यह भी माना जाता है कि श्रावण में तामसिक भोजन, खट्टा या पचने में मुश्किल खाद्य पदार्थ खाने से मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता में बाधा आती है। दही में अम्लता होती है, जो तामसिक गुणों को बढ़ाती है।
इसलिए इस दौरान इसे खाने की मनाही है। क्या कहता है आयुर्वेद? कायमकल्प हर्बल क्लीनिक के डॉ. राजकुमार के अनुसार आयुर्वेद के अनुसार मानसून के दौरान वात दोष बढ़ जाता है और हमारा पाचन तंत्र (पेट) कमजोर हो जाता है। श्रावण के दौरान वातावरण में नमी (नमी) होने से शरीर में अग्नि (पाचन शक्ति) धीमी हो जाती है, जिससे भोजन पचने में दिक्कत होती है। दही भारी, खट्टा और कफ बढ़ाने वाला होता है। इन्हें खाने से अपच, गैस, पेट फूलना, सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। दही और बेसन से बनी सब्जी भी इस दौरान नुकसानदायक मानी जाती है।
यह वात दोष को बढ़ा सकती है, जिससे जोड़ों में दर्द, सुस्ती और त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं। क्या है नुकसान? डॉ. राजकुमार के मुताबिक, विज्ञान भी इसका समर्थन करता है। मानसून के दौरान वातावरण में बैक्टीरिया और वायरस की संख्या अधिक होती है। ऐसे समय में दूध और दही जैसे उत्पाद जल्दी खराब हो सकते हैं और इनमें हानिकारक रोगाणु पनप सकते हैं। अधिक नमी और कम तापमान के कारण दही जल्दी खराब हो जाता है। इन्हें खाने से फूड पॉइजनिंग या पेट की बीमारियां हो सकती हैं। खासकर जिन लोगों का पाचन तंत्र पहले से कमजोर है, उनके पाचन तंत्र पर दही जैसे उत्पाद ज्यादा असर डालते हैं।
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Wed, Jul 02 , 2025, 04:20 PM