Child Care in Monsoon : इस मानसून बच्चों के रखें खास खयाल! नहीं तो हो सकती हैं सर्दी, खांसी, बुखार और दस्त की समस्या; पढ़ें विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

Tue, Jul 01 , 2025, 03:26 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Health Care in Monsoon : मानसून के दौरान बदलते मौसम (changing weather) के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity of children) कम हो जाती है। खासकर इस दौरान बच्चों में स्कूल में सामाजिक मेलजोल के कारण सर्दी, खांसी, बुखार और दस्त जैसी समस्याएं जल्दी होती हैं। पुणे में इन स्वास्थ्य समस्याओं (health problems) ने सिर उठाया है। संक्रमण की दर में वृद्धि हुई है, खासकर 2 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों में। हालांकि इस प्रकार की बीमारियां आम हैं, लेकिन वे बहुत चिंताजनक हैं क्योंकि वे आसानी से फैलती हैं और समय पर इलाज न किए जाने पर जटिलताएं पैदा कर सकती हैं। इस संबंध में पुणे के लुल्लानगर स्थित मदरहुड हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. अतुल पलवे ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में संक्रामक रोगों की बढ़ती दर
संक्रमण की दर अचानक बढ़ गई है और हवा में नमी, स्थिर पानी, दूषित भोजन और पानी के सेवन के कारण 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में संक्रामक रोगों की दर में वृद्धि हुई है। बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर होती है। इसलिए, मानसून के दौरान उनमें संक्रमण की संभावना अधिक होती है।

उन्होंने आगे कहा कि दूषित पानी, तापमान में गिरावट और अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हर दिन ओपीडी में सर्दी-खांसी के लगभग 15 मरीज, डायरिया के 4 मरीज और वायरल बुखार के 5 मरीज देखे जा रहे हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो ये निर्जलीकरण, ब्रोंकाइटिस या अन्य संक्रमण जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं, जो श्वसन कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं।

मानसून अक्सर सामान्य सर्दी-बुखार के अलावा और भी कई बीमारियाँ लेकर आता है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी जल जनित बीमारियाँ, साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियाँ स्थिर पानी और अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण बढ़ जाती हैं। इस दौरान त्वचा संक्रमण, चकत्ते, फंगल संक्रमण और ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी श्वसन संबंधी समस्याएँ भी तेज़ी से बढ़ती हैं।

निवारक उपाय
माता-पिता को निवारक कदम उठाने और अपने बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। उबला हुआ और ठंडा पानी पीना, खुले में खाना खाने से बचना, सैनिटाइज़र और कीटाणुनाशक का उपयोग करके अच्छी स्वच्छता बनाए रखना और बदलते मौसम में बच्चों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनाना बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। डॉ. अतुल पलवे ने कहा कि मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करना, पानी की टंकियों को साफ करना और घर के आसपास पानी जमा होने से रोकना भी महत्वपूर्ण निवारक उपाय हैं। पुणे में रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ परिवारों को यह याद दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि अपने बच्चों को मानसून के मौसम से जुड़ी किसी भी स्वास्थ्य समस्या से दूर रखने के लिए जागरूक रहना और आवश्यक सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।

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