एक समय था जब हमारी दादी-नानी की थाली में हर चीज की जगह होती थी- दाल, चावल, सब्जी, पोल, अचार और लड्डू! ये हमारी पारंपरिक खाद्य संस्कृति थी जो स्वाद और सेहत के बीच संतुलन बनाए रखती थी। लेकिन आज फास्ट फूड, डिब्बाबंद सामान और स्वादिष्ट लेकिन पोषण से खाली खाद्य पदार्थ हमारी थाली में आ गए हैं। पेट तो भरा रहता है, लेकिन शरीर को पोषण नहीं मिलता और इसका नतीजा है वजन बढ़ना, चर्बी, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और पाचन संबंधी समस्याएं। शारीरिक गतिविधियां कम हुईं और खानपान में बदलाव हुआ नहीं की मुसीबतें आईं।
लेकिन अगर आप ये सब रोकना चाहते हैं तो आपको ऐसा उपाय खोजना चाहिए जो नियमित रूप से किया जा सके, सरल हो और घर पर आसानी से उपलब्ध हो। इसके लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. वरुण शर्मा द्वारा दिया गया एक घरेलू उपाय सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है। इस उपाय की खास बात ये है कि इसके लिए आपको किसी महंगे डाइट प्लान या जिम की मेंबरशिप की जरूरत नहीं है। कुछ खास चीजों के साथ एक गिलास पानी और उसका लगातार सेवन आपके शरीर की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। आइए जानते हैं आखिर यह उपाय क्या है और इसके क्या फायदे हैं...?
पाचन क्रिया दुरुस्त होने पर चर्बी अपने आप कम हो जाती है
वजन बढ़ने के लिए सिर्फ खाना ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भोजन का ठीक से न पचना भी जिम्मेदार है। डॉ. शर्मा कहते हैं कि चार चीजें, मेथी, अंडा, बड़िशाप और दालचीनी पाचन क्रिया को मजबूत बनाती हैं। इस पानी को पीने से जठराग्नि सक्रिय होती है और शरीर में मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। नतीजतन, भोजन ठीक से पचता है, शरीर में चर्बी जमा नहीं होती और वजन घटाने में मदद मिलती है।
एक गिलास में यह पानी मधुमेह का घरेलू उपाय है
मधुमेह अब सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रहा है। इस उपाय में इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए मशहूर है। बड़िशाप और मेथी दोनों ही इंसुलिन स्राव में मदद करते हैं। इस पानी का नियमित सेवन ब्लड शुगर को संतुलित रखता है और मधुमेह के खतरनाक प्रभावों से बचाता है।
पीसीओडी और हॉरमोनल असंतुलन के लिए प्राकृतिक मदद
महिलाओं में सबसे चर्चित समस्या पीसीओडी/पीसीओएस है। इस समस्या की जड़ हॉरमोनल असंतुलन है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में गर्मी और अपच के कारण ये विकार बढ़ते हैं। मेथी और मेथी के गुण गर्मी को नियंत्रित करते हैं, और मूत्र के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। नतीजतन, हॉरमोनल संतुलन प्राप्त होता है और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं नियंत्रित होती हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करके अपने दिल को स्वस्थ रखें
वसायुक्त भोजन, फास्ट फूड और गतिहीन जीवनशैली कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है और इसके बढ़ने के बाद कई बार हृदय रोग के जोखिम भी सामने आते हैं। दालचीनी और बड़शेप में शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण होते हैं। इसके नियमित सेवन से रक्त वाहिकाएं साफ रहती हैं, और शरीर में लिपिड की मात्रा संतुलित रहती है।
फाइब्रॉएड जैसी छिपी हुई बीमारियों से राहत
फाइब्रॉएड भी ऐसी बीमारियों में से हैं जो बाहर से दिखाई नहीं देती हैं लेकिन बहुत परेशानी देती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इसके पीछे शरीर में संचित दोष, अपच और हॉरमोनल बदलाव जिम्मेदार हैं। मेथी और अंडाणु का मूल कार्य पाचन और शुद्धिकरण है। इसलिए यह मिश्रण शरीर के अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करता है और फाइब्रॉएड जैसी छिपी हुई समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
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Tue, Jul 01 , 2025, 09:30 AM