Aging due to lack of collagen: क्या आपने कभी गौर किया है कि कुछ लोग 40 की उम्र में भी 20 साल के दिखते हैं? उनकी त्वचा चमकदार, झुर्री रहित और पूरी तरह फिट दिखती है। वहीं, कुछ लोग कम उम्र में ही बूढ़े दिखने लगते हैं। इसके पीछे का राज कोलेजन है। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कोलेजन का स्तर कम हो जाता है और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। त्वचा ढीली पड़ने लगती है। हालांकि, झुर्रियां ही उम्र बढ़ने का एकमात्र संकेत नहीं हैं। कोलेजन की कमी के कारण कम उम्र के लोग भी बूढ़े दिखने लगते हैं।
इसलिए कोलेजन को युवाओं का प्रोटीन भी कहा जाता है। हमारे शरीर में मौजूद कुल प्रोटीन का करीब 30% कोलेजन के लिए इस्तेमाल होता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो हमारी त्वचा को बनाने के अलावा हड्डियों, जोड़ों और रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाता है और उनकी संरचना के लिए भी इस्तेमाल होता है। इसलिए कोलेजन की कमी से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
कोलेजन क्या है?
कोलेजन हमारे शरीर में एक ज़रूरी प्रोटीन है. यह त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों, जोड़ों और रक्त वाहिकाओं को मज़बूत बनाता है. आप इसे शरीर का गोंद समझ सकते हैं, जो सब कुछ एक साथ रखता है. यह त्वचा को लोच, हड्डियों को मज़बूती और जोड़ों को सहारा देता है.
कोलेजन कितने प्रकार के होते हैं?
अब तक 28 प्रकार के कोलेजन की पहचान की जा चुकी है. पाया गया है कि कोलेजन न सिर्फ़ त्वचा को चमकदार बनाता है, बल्कि रक्त को गाढ़ा करने और शरीर के किसी हिस्से में कट लगने पर एक परत बनाने में भी मदद करता है, मृत त्वचा कोशिकाओं की जगह लेता है और अंगों के लिए एक सुरक्षात्मक परत बनाता है. ग्राफ़िक में इसके 5 मुख्य प्रकार देखें:
कोलेजन की कमी क्यों होती है?
कोलेजन की कमी आमतौर पर जैविक उम्र बढ़ने के कारण होती है. इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं:
उम्र बढ़ना: 25-30 साल के बाद, कोलेजन का उत्पादन धीमा होने लगता है. हर साल लगभग 1-2% कोलेजन नष्ट हो जाता है. महिलाओं में, रजोनिवृत्ति के बाद इसका स्तर तेज़ी से कम होता है.
सूरज की रोशनी के अत्यधिक संपर्क में आना: सूरज की हानिकारक यूवी किरणें त्वचा में कोलेजन को तोड़ देती हैं. बिना सनस्क्रीन के धूप में बहुत ज़्यादा समय बिताना हानिकारक हो सकता है।
खराब आहार: पोषक तत्वों, ख़ास तौर पर विटामिन सी और प्रोटीन की कमी, कोलेजन उत्पादन प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
धूम्रपान और शराब पीना: सिगरेट और शराब कोलेजन उत्पादन को बाधित करते हैं और त्वचा पर समय से पहले बुढ़ापा लाते हैं।
तनाव और नींद की कमी: अत्यधिक तनाव और नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे कोलेजन को नुकसान पहुँचता है।
प्रदूषण: वायु प्रदूषण से त्वचा में कोलेजन को तोड़ने वाले मुक्त कण बढ़ जाते हैं।
स्वास्थ्य समस्याएँ: कुछ ऑटोइम्यून बीमारियाँ, जैसे रुमेटीइड गठिया, और आनुवंशिक बीमारियाँ, जैसे एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम, भी कोलेजन को प्रभावित कर सकती हैं।
कोलेजन की कमी से होने वाली समस्याएँ
कोलेजन की कमी सिर्फ़ त्वचा तक ही सीमित नहीं है। यह पूरे शरीर को प्रभावित करती है। कुछ आम समस्याएँ हैं:
त्वचा का ढीला होना और झुर्रियाँ पड़ना: कोलेजन की कमी के कारण त्वचा की लोच कम हो जाती है। चेहरा ढीला हो जाता है और झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं।
जोड़ों का दर्द: कोलेजन जोड़ों को सहारा देता है। इसकी कमी से जोड़ों में दर्द, अकड़न और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कमजोर हड्डियाँ: कोलेजन हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
कमजोर बाल और नाखून: कोलेजन की कमी से बाल पतले और कमजोर हो सकते हैं और नाखून आसानी से टूट सकते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएँ: कोलेजन आंतों की परत को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य: कोलेजन रक्त वाहिकाओं को मजबूत रखता है। इसकी कमी से रक्त वाहिकाएँ कमजोर हो सकती हैं, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कोलेजन के स्वस्थ स्तर को कैसे बनाए रखें?
अच्छी खबर यह है कि कुछ सरल उपायों से आप अपने कोलेजन के स्तर को बनाए रख सकते हैं और समय से पहले बूढ़ा होने से रोक सकते हैं। ये उपाय इतने सरल हैं कि कोई भी इन्हें अपने जीवन में शामिल कर सकता है।
1. पौष्टिक आहार लें
विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ: संतरे, नींबू, आंवला, शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी जैसे फल और सब्जियाँ कोलेजन के उत्पादन में मदद करते हैं। कोलेजन उत्पादन के लिए विटामिन सी आवश्यक है।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: अंडे, मछली, चिकन, दालें और काजू में प्रोटीन और प्रोलाइन और ग्लाइसिन जैसे अमीनो एसिड होते हैं, जो कोलेजन के उत्पादन में मदद करते हैं।
अन्य पोषक तत्व: कॉपर और जिंक जैसे खनिज भी कोलेजन के उत्पादन में मदद करते हैं। ये शेलफिश, नट्स, बीज और पत्तेदार साग में पाए जा सकते हैं।
2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ
खुद को धूप से बचाएँ: सनस्क्रीन (SPF 30+) लगाएँ, लंबे समय तक धूप से दूर रहें और टैनिंग बेड से बचें। चौड़ी टोपी और हल्के, लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
धूम्रपान और शराब पीने से बचें: ये दोनों कोलेजन को नुकसान पहुँचाते हैं।
तनाव को प्रबंधित करें: योग, ध्यान या व्यायाम से तनाव कम करें।
पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
3. नियमित रूप से व्यायाम करें
नियमित व्यायाम न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि कोलेजन उत्पादन में भी मदद करता है। वजन उठाने वाले व्यायाम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जो कोलेजन के लिए फायदेमंद है।
क्या कोलेजन सप्लीमेंट लेना ज़रूरी है?
कोलेजन सप्लीमेंट्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और कई लोग अपनी त्वचा, जोड़ों और हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए इनका सेवन कर रहे हैं। इसके बाद आप सप्लीमेंट ले सकते हैं।
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Sat, Jun 28 , 2025, 09:45 AM