Rekha Gupta's target: सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक करने का ध्येय, रेखा गुप्ता का २०२७ तक का लक्ष्य! 

Sat, Jun 28 , 2025, 07:57 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि 2027 तक पूरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इलेक्ट्रिक करने का उनकी सरकार का लक्ष्य है। गुप्ता ने आज नरेला के नवनिर्मित डीटीसी बस टर्मिनल का उद्घाटन और 100 से अधिक नई ‘देवी’ बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि करीब 2.63 करोड़ की लागत से बना यह टर्मिनल 9 प्रमुख रूट्स पर 75 बसों का संचालन सुनिश्चित करेगा, जिनमें से अधिकांश इलेक्ट्रिक बसें होंगी। यह डिपो मात्र 90 दिन में तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा , “दिल्ली की सड़कों पर अब 2000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक पूरी परिवहन व्यवस्था इलेक्ट्रिक हो। ”

उन्होंने कहा, “हमने वादा किया था कि दिल्ली के हर बस डिपो और टर्मिनल को उन्नत किया जाएगा ताकि हमारी परिवहन प्रणाली निर्बाध, सुरक्षित और हर कोने तक पहुँचने वाली हो। आज का यह टर्मिनल और देवी बसें उसी संकल्प का साक्ष्य हैं। मात्र 90 दिनों में यह डिपोतैयार किया गया है, जो दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता और कार्यक्षमताका उदाहरण है।”

उन्होंने बताया कि नरेला के इस बस टर्मिनल से चलने वाली अधिकांश इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इस बस टर्मिनल से चलने वाली बसें पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, मोरी गेट, दिल्ली सचिवालय, उत्तम नगर और बॉर्डर एरिया को जोड़ेंगी। बसों के नरेला डिपो से संचालित होने से उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में आवागमन बेहतर होने के साथ राजधानी के हर कोने में स्वच्छ और हरित परिवहन का उद्देश्य भी पूरा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने दिल्ली की लाइफ लाइन मानी जाने वाली डीटीसी को गड्ढे में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट के अनुसार डीटीसी पर 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा है, जो दिल्ली सरकार के कुल बजट का 65 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने बताया कि एक समय दिल्ली में 850 रूटों पर बसें चलती थी, अब वे घटकर आधी रह गईं है लेकिन खर्चा दोगुना हो गया। टिकटिंग और महिलाओं की मुफ्त यात्रा में भी बड़े पैमाने पर घोटाले हुए, जबकि गिनती का कोई पारदर्शी सिस्टम नहीं था।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा बसों में लगाए जाने वाले पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे, कर्मचारियों की ट्रेनिंग और भर्ती तक में गड़बड़ियाँ की गईं। रूट घटा दिए गए, किलोमीटर दर बढ़ गई, टिकटिंग और फ्री बस सेवा में घोटाले हुए और हजारों कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें ‘काम में दाम’ खोजती थीं, जबकि मौजूदा सरकार ‘काम’ पर ध्यान देती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अब दिल्ली में पारदर्शी, जवाबदेहऔर जनहितकारी परिवहन व्यवस्था की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहेहैं। हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत सार्वजनिक परिवहन बेड़े को इलेक्ट्रिक बनाना है, जो प्रदूषण कम करेगा और यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक, और ईको-फ्रेंडली यात्रा का अनुभव देगा।

दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि 4000 वर्गमीटर क्षेत्र में बना यह अत्याधुनिक, हाईटेक बस टर्मिनल और नयी ई-बसें दिल्ली के हर नागरिक को बेहतर, सुलभ और सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराएंगी। उन्होंने बताया कि यह टर्मिनल न केवल स्मार्ट सुविधाओं से लैस है, बल्कि इसमें इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग, मेंटेनेंस और पार्किंग की व्यवस्था भी है, जो पर्यावरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और नयी सोच का प्रमाण है।

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