Sitharaman Bank Instructions: बैंक 3 महीने के वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान में सक्रियता से भाग लें: सीतारमण

Fri, Jun 27 , 2025, 08:25 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों को अगले तीन महीने तक चलने वाले वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

श्रीमती सीतारमण ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वित्तीय मापदंडों, ऋण उठाव, वित्तीय समावेशन, ग्राहक सेवा, शिकायत निवारण, डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा सहित प्रमुख क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रदर्शन की समीक्षा की गई। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

इस दौरान श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एक जुलाई, 2025 से शुरू हो रहे इस अभियान में सभी बैंकों को सक्रिय रूप से भाग लेना है। इसमें 2.7 लाख ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया जाएगा। यह अभियान केवाईसी, री-केवाईसी और दावा न किए गए जमा के संबंध में नागरिकों की सहायता करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। बैंकों को एमएसएमई के लिए नए ऋण मूल्यांकन मॉडल के कार्यान्वयन को मजबूत करने का निर्देश दिया गया।

वित्त मंत्री ने हाल के वर्षों में और विशेष रूप से वित्त वर्ष 2024-25 में पीएसबी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को स्वीकार किया। बैठक के दौरान यह नोट किया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का कुल कारोबार 203 लाख करोड़ से बढ़कर 251 लाख करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, पीएसबी के शुद्ध एनपीए 1.24 प्रतिशत से घटकर 0.52 प्रतिशत पर आ गया। शुद्व लाभ 1.04 लाख करोड़ से बढ़कर 1.78 लाख करोड़ हो गया और लाभांश भुगतान 20,964 करोड़ से बढ़कर 34,990 करोड़ हो गया।

वित्त मंत्री को यह भी बताया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी है, तथा मार्च-2025 तक उनका सीआरएआर 16.15 प्रतिशत है। जमा और ऋण प्रवृत्तियों की समीक्षा के दौरान वित्त मंत्री ने चालू ऋण वृद्धि को समर्थन देने के लिए जमा जुटाने में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विशेष अभियान चलाने, अपने शाखा नेटवर्क का प्रभावी उपयोग करने तथा अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने की सलाह दी गई।

श्रीमती सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से अगले दशक के लिए उभरते वाणिज्यिक विकास क्षेत्रों की सक्रिय रूप से पहचान करने का आग्रह किया, जो पीएसबी के लिए लाभप्रदता और विकास में सहायता कर सकते हैं। उत्पादक क्षेत्रों में कॉर्पोरेट ऋण को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया, जिसमें मजबूत अंडरराइटिंग और जोखिम प्रबंधन मानकों को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया। ऊर्जा क्षेत्र, विशेष रूप से नवीकरणीय और संधारणीय क्षेत्रों को ऋण देने को भारत के हरित विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया गया। बजट 2025-26 में स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर (SMR) विकसित करने की घोषणा के अनुरूप, बैंकों को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र का समर्थन करने के लिए ऋण मॉडल विकसित करने की सलाह दी गई।

बैंकों को पीएम मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, पीएम विद्यालक्ष्मी और किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना सहित प्रमुख वित्तीय समावेशन योजनाओं के तहत प्रयासों को बढ़ाने का निर्देश दिया गया।

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