नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी (smuggle weapons and narcotics) के लिए ड्रोन सहित आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का मुकाबला करने के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि परस्पर जुड़ी दुनिया में खतरों के खिलाफ पारंपरिक सीमाएं अब एकमात्र बाधा नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया चुनौतियों के एक जटिल जाल का सामना कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद (international terrorism) और साइबर हमलों (cyber attacks) से लेकर हाइब्रिड युद्ध (hybrid warfare) तक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये खतरे राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं करते हैं और पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकजुट जवाब समय की जरूरत है।
अनिश्चित भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं और दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी उनमें रहती है। उन्होंने एक सुरक्षित और स्थिर क्षेत्र के निर्माण को सामूहिक हित के रूप में बताया जो लोगों के जीवन की प्रगति और सुधार में योगदान दे सकता है।
सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण की गति मंद होने और बहुपक्षीय प्रणालियों के कमजोर होने से महामारी के बाद शांति और सुरक्षा बनाए रखने से लेकर अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण तक की तत्काल चुनौतियों का समाधान करना कठिन हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, तथा भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में व्यापार और प्रौद्योगिकी का उपयोग तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ भारत का मानना है कि सुधार पर आधारित बहुपक्षवाद संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाकर देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए सहयोग में मदद कर सकता है।” रक्षा मंत्री ने मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “बेहतर कनेक्टिविटी न केवल आपसी व्यापार को बढ़ाती है, बल्कि आपसी विश्वास को भी बढ़ावा देती है। हालांकि, इन प्रयासों में, एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों को बनाए रखना आवश्यक है, विशेष रूप से सदस्य राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना।”
सिंह ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन में अपनी नीति में सुसंगत और दृढ़ रहा है। उन्होंने अफगानिस्तान में तत्काल प्राथमिकताओं को गिनाया, जिसमें वहां के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना और समग्र विकासात्मक जरूरतों में योगदान देना शामिल है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के आदर्श वाक्य के आधार पर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास करता है, जो वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) के अपने सभ्यतागत लोकाचार पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आपसी समझ और आपसी लाभ हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत होने चाहिए।
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Thu, Jun 26 , 2025, 12:06 PM