Iran Israel war impact on stock market : मध्य पूर्व में चल रहे ईरान-इजरायल युद्ध (Iran Israel war) में अमेरिका के हस्तक्षेप का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारात्मक असर पड़ा है। अमेरिकी हमले के बाद ईरानी संसद में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया गया। होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को अंतरराष्ट्रीय शिपिंग और वाणिज्यिक जहाजों के लिए मध्य पूर्व से अरब सागर तक यात्रा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, अगर यह जलडमरूमध्य अभी बंद हो जाता है, तो इसका वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
इन सबका असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) पर देखने को मिला। सोमवार सुबह भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 700 अंकों तक गिरकर 81,707 पर पहुंच गया। जबकि निफ्टी में भी 170 अंकों की गिरावट आई और यह इंडेक्स 24 हजार 900 के स्तर से नीचे आ गया। अगर ईरान के खिलाफ अमेरिका और इजरायल के बीच यह संघर्ष कुछ और समय तक जारी रहा, तो इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। यह डर फिलहाल शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है।
क्या होगा जब होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जायेगा?
अमेरिका के हमलों के जवाब में ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का फैसला लेने की तैयारी कर रहा है। इससे दुनिया भर में तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को ईरानी संसद में मंजूरी मिल गई है। अब इस बारे में अंतिम फैसला ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई लेंगे। दुनिया का 20 फीसदी तेल व्यापार होर्मुज जलडमरूमध्य के जरिए होता है। ज्यादातर तेल इसी रास्ते से एशियाई देशों में जाता है। तेल के साथ-साथ गैस का परिवहन भी इसी रास्ते से होता है। एशियाई देशों के लिए यह एक अहम निर्यात मार्ग है। हालांकि, अगर यह मार्ग बंद होता है तो भारत, चीन और पाकिस्तान को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए ईरान के इस फैसले के खिलाफ अमेरिका सख्त कदम उठा सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में 18 फीसदी का इजाफा
इजराइल और ईरान के बीच युद्ध के कारण एक हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतों में 18 फीसदी का इजाफा हुआ है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत (price of Brent crude oil) अब 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गई है। आशंका है कि अमेरिका के मैदान में उतरने से कच्चे तेल की कीमत अब 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। दुनिया का 20 फीसदी तेल व्यापार होर्मुज जलडमरूमध्य के जरिए होता है। ज्यादातर तेल इसी रास्ते से एशियाई देशों में जाता है। तेल के साथ-साथ गैस का परिवहन भी इसी रास्ते से होता है। एशियाई देशों के लिए यह एक अहम निर्यात रूट है। हालांकि, अगर यह रूट बंद होता है तो भारत, चीन और पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है। इसलिए ईरान के इस फैसले के खिलाफ अमेरिका सख्त कदम उठा सकता है। इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के चलते एक हफ्ते में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर तक बढ़ गई है। आशंका है कि अगर युद्ध लंबा चला तो ब्रेंट क्रूड की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। अगर कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इससे देश में महंगाई बढ़ने की भी संभावना है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Jun 23 , 2025, 12:01 PM