Special importance to Ekadashi: धर्म में एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा (Worshiping Lord Vishnu) करने से आपके जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है और आपके महत्वपूर्ण कार्यों में प्रगति होती है। पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।देवशयनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ने वाली योगिनी एकादशी को ही पड़ती है. हर साल देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाता है. इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं अब कब मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में साफ-सफाई रखने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु अगले चार महीने के लिए क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके कारण इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 5 जुलाई को शाम 6:58 बजे से शुरू होगी।
वहीं यह तिथि 6 जुलाई को रात 9:14 बजे समाप्त होगी। ऐसे में देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई को रखा जाएगा। इसी दिन से चातुर्मास भी शुरू हो जाएगा। देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:08 बजे से 4:48 बजे तक। विजय मुहूर्त- दोपहर 2:45 बजे से 3:40 बजे तक। गोधूलि बेला- शाम 7:21 बजे से 7:42 बजे तक। निशिता मुहूर्त- दोपहर 12:06 बजे से 12:46 बजे तक।
देवशयनी एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान
देवशयनी एकादशी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
इसके अलावा देवशयनी एकादशी पर काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
देवशयनी एकादशी पर घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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Sun, Jun 22 , 2025, 10:18 PM