नयी दिल्ली। रेटिंग एजेंसी इक्रा की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में भारत के रक्षा उत्पाद क्षेत्र में कारोबार की संभावनाओं को मजबूत बताते हुये चालू वित्त वर्ष 2025-26 में इस क्षेत्र के राजस्व में 15-17 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र की आर्डर की किताब मजबूत है और इकाइयों को सरकार की नीति का लाभ मिल रहा है। पिछले 11 वर्ष के दौरान भारत से रक्षा उत्पादों का वार्षिक निर्यात 11 गुना से अधिक हो गया है। आईसीआरए के विश्लेषण के अनुसार इस क्षेत्र के राजस्व में स्वस्थ वृद्धि मुख्य रूप से ऑर्डर-बुक की मजबूत स्थिति के साथ आर्डर को मजबूती से पूरा किये जाने की बदौलत है।
विश्लेषण के अनुसार रक्षा उत्पादन क्षेत्र की कंपनियों का वर्ष 2024- 25 का ऑर्डर बुक/ ऑपरेटिंग आयओबी/ ओआई अनुपात 4.4 गुना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को केंद्र में रखकर घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए कई नीतिगत पहलों को लागू किया है। इन पहलों में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियम उदार किये गये हैं, रक्षा ऑफसेट नीति को जारी रखा गया है और रक्षा इकाइयों के लिए दो औद्योगिक गलियारों (उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु) की स्थापना और पांच ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों’ और ऑनलाइन स्वदेशीकरण पोर्टल ‘सृजन’ की अधिसूचना जैसे प्रयास शामिल हैं।
रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत परिव्यय पिछले पांच वर्षों में औसतन 8.29 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ा है और चालू वित्त वर्ष में रक्षा क्षेत्र का पूंजीगत बजट 1.92 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पहलों घरेलू विक्रेताओं से रक्षा खरीद पर व्यय वित्त वर्ष 2016-17 में कुल रक्षा खरीद व्यय के 61 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 75 प्रतिशत हो गया है। रक्षा निर्यात इस अवधि के दौरान औसतन वर्ष दर वर्ष 41 प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ 23,622 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
इक्रा लिमिटेड के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (Corporate Ratings) सुप्रियो बनर्जी ने कहा, “ इक्रा के विश्लेषण के अनुसार 2015 से बजटीय परिव्यय में निरंतर विस्तार से देश के पूरे रक्षा उत्पादन क्षेत्र में लगी इकाइयां, चाहे वे थल, नौसेना, वैमानिकी, आयुध और गोला-बारूद के उत्पादन में हो या सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में - लाभान्वित होंगी। ”उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र के लिए घरेलू इकाइयों से खरीद जारी रखे हुये है, इसलिए ऑर्डर के आधार पर आपूर्ति का प्रवाह भी मजबूत रखने की उम्मीद है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इकाइयों को भारित औसत परिचालन मार्जिन चालू वित्त वर्ष में 25-27 प्रतिशत के मजबूत स्तर पर बना रहेगा।
इक्रा का कहना है, “ घरेलू इकाइयों को उत्पादन प्रकिया में बढ़ते स्थानीयकरण से कारोबार का पैमाना बढ़ाने में मदद मिल रही है। इससे सहायक हिस्से-पुर्जों और प्रणालियों के निर्माण और असेंबली निर्माण की तुलना में अधिक मूल्य-वर्धक प्रणली -स्तरीय उत्पादों का उत्पादन शुरू कर रही हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि थल और आईसीटी-आधारित खंडों में निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि होने की है, जबकि नौसेना, एयरोस्पेस और आयुध खंडों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम का प्रभुत्व बना रहेगा।
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Wed, Jun 18 , 2025, 07:12 PM