Vastu Shastra Tips : वास्तु शास्त्र हिंदू धर्म (Hinduism) में एक महत्वपूर्ण विज्ञान है। वास्तु शास्त्र ( Vastu Shastra ) में घर और व्यापार स्थल में कैसी संरचना होनी चाहिए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके साथ ही वास्तु शास्त्र हमें यह भी बताता है कि घर में कौन सी गलतियां वास्तु दोष का कारण बनती हैं। वास्तु शास्त्र हमें मानव जीवन पर वास्तु दोषों के प्रभाव (effect of Vastu Dosh) और उसके उपाय बताता है। वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि व्यापार स्थल कैसा होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यापार स्थल पर लोगों को कुछ खास काम करने से बचना चाहिए। नहीं तो लोगों को आर्थिक तंगी (financial crisis) का सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार क्या नहीं करना चाहिए?
व्यापार स्थल का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। यह दिशा व्यापार के लिए अशुभ मानी जाती है। इस दिशा में मुख्य द्वार होने पर आर्थिक नुकसान और पराजय होती है। व्यापार में कैश काउंटर को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए। इससे दरिद्रता और आर्थिक तंगी आ सकती है।
ईशान दिशा को गंदा न रखें
व्यापार स्थल के ईशान दिशा (उत्तर-पूर्व) को गन्दा या गंदा नहीं रखना चाहिए। ईशान दिशा को गंदा रखने से आय में बाधा आती है और आर्थिक संकट आता है। वास्तु शास्त्र में ईशान दिशा को बहुत पवित्र माना गया है। इसलिए व्यापार स्थल के ईशान दिशा में शौचालय, शौचघर आदि नहीं बनवाना चाहिए। इससे आर्थिक विकास में बाधा और परेशानी आती है।
इससे आर्थिक संकट आता है
व्यापार स्थल पर मालिक के बैठने की जगह पर कोई बाधा या बीम नहीं होनी चाहिए। इससे तनाव बढ़ता है और आर्थिक नुकसान होता है। व्यापार स्थल की नींव ईशान दिशा के अलावा किसी अन्य दिशा में नहीं होनी चाहिए। इससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है और संगठन में आर्थिक संकट आ सकता है।
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Wed, Jun 18 , 2025, 04:32 PM