TRAI Pilot Project: वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुये डिजिटल सहमति के लिए ‘पायलट परियोजना’ शुरू!

Mon, Jun 16 , 2025, 06:49 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नयी दिल्ली.बैंकिंग लेनदेन की संवेदनशीलता और स्पैम कॉल के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकिंग क्षेत्र के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) और बैंकों के साथ मिलकर डिजिटल सहमति प्रबंधन के उद्देश्य से पायलट परियोजना शुरू की है।

ट्राई ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा की जाने वाली स्पैम शिकायतो में बड़ी संख्या उन व्यावसायिक संस्थाओं के खिलाफ होती हैं, जिनसे उपभोक्ताओं ने पहले उत्पाद या सेवाएं खरीदी थीं। जांच में यह पाया गया है कि ऐसी संस्थाएं अक्सर दावा करती हैं कि उन्हें उपभोक्ता की व्यावसायिक कॉल और संदेश प्राप्त करने की सहमति प्राप्त है। दूरसंचार वाणिज्यिक संप्रेषण उपभोक्ता अधिमान विनियम 2018 के तहत यदि किसी संस्था ने उपभोक्ता से स्पष्ट सहमति प्राप्त कर ली है, तो वह उपभोक्ता की ‘डू नॉट डिस्टर्ब (DND)’ प्राथमिकताओं के बावजूद उससे व्यावसायिक संचार कर सकती है।

ट्राई ने कहा कि हालांकि, कई मामलों में ये सहमतियाँ ऑफलाइन या अप्रमाणिक तरीकों से प्राप्त की गई थीं, जिससे उनकी वैधता और प्रामाणिकता की पुष्टि करना अत्यंत कठिन हो जाता है। अनेक मामलों में उपभोक्ताओं ने रिपोर्ट किया है कि उनके मोबाइल नंबर धोखे, झूठे प्रतिनिधित्व या अनधिकृत डेटा-साझाकरण के माध्यम से प्राप्त किए गए। ट्राई ने हाल के वर्षों में ऐसी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए कई नवाचारपूर्ण नियामकीय उपाय किए हैं। इनमें बिना पूर्व डीएनडी पंजीकरण के भी उपभोक्ताओं को अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अनुमति देना और स्पैम गतिविधियों में दुरुपयोग किए जा रहे दूरसंचार संसाधनों को बड़े पैमाने पर बंद करना शामिल है। फिर भी, उपभोक्ता की ऑफलाइन सहमति का हवाला देकर व्यावसायिक संचार के लिए सहमति का सत्यापन करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

ट्राई ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए, विनियमों में यह प्रावधान है कि संस्थाएं डिजिटल रूप से उपभोक्ता की सहमति प्राप्त करें और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं द्वारा बनाई हुई एक सुरक्षित और इंटरऑपरेबल डिजिटल सहमति रजिस्ट्री में इसे पंजीकृत करें ताकि व्यावसायिक संचार के समय इस सहमति को आसानी से सत्यापित किया जा सके। हालांकि, इस प्रणाली के प्रभावी संचालन के लिए उन संस्थाओं का इस फ्रेमवर्क में शामिल होना आवश्यक है जो व्यावसायिक संचार भेजती हैं।

इसी के तहत ट्राई ने रिज़र्व बैंक के साथ समन्वय करके चयनित बैंकों को शामिल करते हुए एक पायलट परियोजना शुरू की है और सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को एक निर्देश जारी कर उन्हें बैंकों के साथ मिलकर इस फ्रेमवर्क का परीक्षण करने का निर्देश दिया है। बैंकिंग लेनदेन की संवेदनशीलता और स्पैम कॉल के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए बैंकिंग क्षेत्र को इस पायलट परियोजना के पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिकता दी गई है। यह पायलट 'रेगुलेटरी सैंडबॉक्स' फ्रेमवर्क के तहत संचालित किया जा रहा है, जो उन्नत सहमति पंजीकरण कार्य के संचालनात्मक, तकनीकी और नियामकीय पहलुओं का परीक्षण करेगा और डिजिटल सहमति पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्रवार विस्तार की नींव रखेगा।

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