मुंबई। अरे, उसे हार्ट अटैक (Heart Attack) आया, हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई, उसकी मौत हो गई... हाल ही में हमने हार्ट अटैक से मौत के कई मामले सुने हैं। पहले हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब बहुत कम उम्र में ही हार्ट अटैक आने लगे हैं। अगर किसी को बता भी दिया जाए कि उसे हार्ट अटैक आया है, तो कई लोग चौंक जाते हैं। अगर हमारे सामने किसी को हार्ट अटैक आए तो हमें नहीं पता कि क्या करना चाहिए। लेकिन अगर हार्ट अटैक आने के बाद हमें समय रहते इलाज मिल जाए, तो हमारी जान बच सकती है। हम मरीज को अस्पताल ले जाने तक प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचा सकते हैं। इसलिए अगर किसी को हार्ट अटैक आए, तो हमें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि यह देखना चाहिए कि उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए क्या करना चाहिए।
हार्ट अटैक आने से पहले शरीर मरीज को कुछ संकेत देता है। हार्ट अटैक का इलाज करने से पहले उसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। हार्ट अटैक आने से पहले मरीज को सीने में जकड़न या तेज दर्द, सीने में दर्द, हाथ, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट में दर्द, पसीना आना, चक्कर आना या मरीज को घबराहट होना, मरीज को सांस फूलना, जी मिचलाना, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई बार यह दर्द बहुत तेज होता है, जबकि कई बार हल्का या बिल्कुल भी महसूस नहीं होता। हालांकि, आप अन्य लक्षणों से इसका पहले से ही अंदाजा लगा सकते हैं।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
1) अगर हार्ट अटैक के बाद व्यक्ति होश में है, तो आप उसे तुरंत 300 मिलीग्राम एस्पिरिन दे सकते हैं। यह दवा खून को पतला करने के लिए महत्वपूर्ण है। कई बार खून के थक्के हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। ऐसा होने पर यह दवा मरीज को कुछ समय के लिए राहत दे सकती है।
2) अगर हार्ट अटैक की वजह से मरीज बेहोश हो गया है, तो उसे तुरंत किसी समतल जगह पर लिटा दें। फिर उसकी नाक या कान के पास अपनी उंगलियों से चेक करें कि वह सांस ले रहा है या नहीं। साथ ही उसकी नब्ज भी चेक करें।
3) अगर चेक करने के बाद मरीज सांस नहीं ले रहा है या नब्ज चल रही है, तो तुरंत सीपीआर दें। इसके लिए अपने बाएं हाथ को सीधा रखें और उसके ऊपर अपना दाहिना हाथ रखकर अपनी उंगलियों को लॉक कर लें। इसके बाद अपने हाथों को मरीज की छाती के बीच में ले जाएं और अपनी पूरी ताकत से मरीज की छाती को दबाएं। ध्यान रहे कि हर मिनट में 100 दबाव देने होंगे, यह क्रिया तब तक करनी होगी जब तक मरीज होश में न आ जाए या एंबुलेंस न आ जाए।
4) मरीज की छाती को दबाएं और हर 25 से 30 बार मरीज को मुंह से ऑक्सीजन दें। मुंह से ऑक्सीजन देते समय व्यक्ति की नाक बंद कर दें। लेकिन सुनिश्चित करें कि दबाव के दौरान मरीज की छाती की हड्डी या पसलियों में कोई समस्या न हो, क्योंकि मरीज की जान बचाना पहली प्राथमिकता है। बाकी समस्याओं का इलाज अस्पताल में भी किया जा सकता है।
5) हार्ट अटैक आए मरीज को प्राथमिक उपचार देने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। अगर प्राथमिक उपचार दिया भी जाता है तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएं।
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Sun, Jun 15 , 2025, 01:38 PM