पुणे : जहां बहुत से लोग जानते हैं कि धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान (smoking damages the lungs) पहुंचाता है, वहीं कम लोग जानते हैं कि इसका महिला की प्रजनन क्षमता(woman's fertility), गर्भावस्था और यहां तक कि प्रसव से पहले और बाद में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आजकल प्रजनन आयु की महिलाओं में धूम्रपान का प्रचलन बढ़ रहा है। धूम्रपान फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि इसका प्रजनन स्वास्थ्य और गर्भावस्था (health and pregnancy) पर भी प्रभाव पड़ता है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, प्रजनन आयु की महिलाओं में धूम्रपान का प्रचलन बढ़ा है, खासकर 25 से 35 वर्ष की महिलाओं में।
यह समस्या महिलाओं में पाई जाती है। धूम्रपान प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है, गर्भावस्था की जटिलताओं की संभावना को बढ़ाता है और गर्भ में और जन्म के बाद बच्चे के विकास में भी समस्या पैदा करता है। भले ही गर्भवती महिला धूम्रपान न करती हो, लेकिन सेकेंड हैंड धूम्रपान (अगर साथी या परिवार का कोई सदस्य धूम्रपान करता है) भी उतना ही हानिकारक हो सकता है। गर्भवती होने की योजना बना रही महिलाओं को अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान से बचना चाहिए। निकोटीन स्तन के दूध में जा सकता है।
डॉ. पद्मा श्रीवास्तव (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल्स, लुल्लानगर, पुणे) का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करना माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे जहरीले रसायन प्लेसेंटा और भ्रूण को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम कर देते हैं। इससे विकास मंदता, गर्भपात, समय से पहले जन्म और यहां तक कि मृत जन्म भी हो सकता है। इससे माँ में प्रीक्लेम्पसिया (जहां प्लेसेंटा गर्भाशय से बहुत जल्दी अलग हो जाता है) विकसित होने का जोखिम भी बढ़ जाता है, जो एक जानलेवा स्थिति है। इसके अलावा, निकोटीन गर्भाशय में रक्त प्रवाह को भी प्रभावित करता है, जो भ्रूण के विकास को सीमित करता है।
निकोटीन स्तन के दूध में जा सकता है, जो बच्चे की नींद, पोषण सेवन और दीर्घकालिक न्यूरोडेवलपमेंट में भी बाधा डाल सकता है। इतना ही नहीं, धूम्रपान करने वालों में एक्टोपिक गर्भधारण होने और प्रसव और डिलीवरी के दौरान समस्याएँ होने की संभावना अधिक होती है। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे प्रजनन उपचार से गुजरने वाली महिलाओं में भी धूम्रपान करने पर सफलता की दर कम होती है। धूम्रपान बच्चे को कैसे प्रभावित करता है? धूम्रपान करने वाली माताओं से पैदा होने वाले शिशुओं का जन्म के समय कम वजन होने की संभावना अधिक होती है, जिससे भविष्य में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे शिशुओं में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस), श्वसन संक्रमण, अस्थमा और व्यवहार संबंधी समस्याओं का भी अधिक जोखिम होता है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर भी असर पड़ सकता है और विकास संबंधी कठिनाइयों का खतरा बढ़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से एपिजेनेटिक परिवर्तनों के माध्यम से बच्चे के डीएनए में भी बदलाव होता है, जिससे मोटापा, मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गर्भवती माताओं के लिए धूम्रपान छोड़ना और स्वस्थ जीवन जीना समय की मांग है।
इसलिए, डॉ. पद्मा ने उन्हें बिना देर किए धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी। शिशु के मस्तिष्क के विकास पर प्रभाव डॉ. निशा पानसरे (फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, खराडी, पुणे) का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करना बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि इससे शिशु को पहली सांस लेने से पहले ही हानिकारक विषाक्त पदार्थों के संपर्क में लाया जाता है। धूम्रपान से शिशु के मस्तिष्क के विकास, फेफड़ों की कार्यप्रणाली और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। जो महिलाएं पहले से ही गर्भवती हैं, उनके लिए धूम्रपान गर्भपात, अस्थानिक गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाता है और शिशु के विकास को प्रभावित करता है। धूम्रपान छोड़ने से माँ और शिशु दोनों की जान बचती है।
महिलाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहें। गर्भवती महिलाओं को सफल गर्भावस्था और प्रसव के लिए प्रजनन सलाहकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।” धूम्रपान छोड़ने और अपने प्रजनन स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए इन सुझावों का पालन करें। गर्भवती होने से पहले या जैसे ही आपको पता चले कि आप गर्भवती हैं, धूम्रपान से बचें। ऐसा करने से आपको सफल गर्भावस्था में मदद मिलेगी। बिना किसी शर्म या डर के अपने डॉक्टर से परामर्श पर चर्चा करें। परामर्श लेने में संकोच न करें।
ऐसी स्थितियों की पहचान करें जो धूम्रपान करने की इच्छा को बढ़ाती हैं और उनसे बचने के लिए उपयुक्त विकल्प खोजें। श्वास व्यायाम, योग या ध्यान जैसी तकनीकें धूम्रपान की इच्छा को कम करने में मदद कर सकती हैं। अपने बच्चे, अपने शरीर और अपने भविष्य की खातिर धूम्रपान छोड़ने का फैसला करें और ऐसा करने के लिए हर दिन खुद को प्रेरित करें। धूम्रपान छोड़ना आपके प्रजनन स्वास्थ्य की रक्षा और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Sat, Jun 14 , 2025, 02:17 PM