Kidney Disease Symptoms: कैसे पता करें कि आपकी किडनी खराब है? कौन से रक्त परीक्षण जरूरी हैं? जानें !

Thu, Jun 12 , 2025, 09:31 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Warning Signs of Kidney Disease: मानव जीवन को आरोग्यम धनसंपदा श्लोक द्वारा रेखांकित किया गया है। अगर आपको कोई बीमारी नहीं है, तो आप एक अच्छा जीवन जीते हैं। लेकिन एक बार जब आप किसी बीमारी का सामना करते हैं, तो पूरी तरह से ठीक होने के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है। किडनी (Kidney) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह रक्त परिसंचरण प्रक्रिया को सुगम बनाती है। किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के साथ-साथ पानी और नमक का संतुलन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है। किडनी रक्तचाप को भी नियंत्रित करती है। लेकिन वर्तमान जीवनशैली (lifestyle), खान-पान की आदतों, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण किडनी की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। किडनी से जुड़ी बीमारियों का शुरुआती दौर में पता नहीं चलता। इसके कारण समय-समय पर रक्त परीक्षण करवाना जरूरी है। चालीस की उम्र के बाद नियमित रक्त परीक्षण की सलाह दी जाती है।

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी (Public Health Expert Dr. Sameer Bhati) के अनुसार किडनी खराब होने के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। शुरुआत में शरीर में ज्यादा बदलाव नहीं होते। बाद में तेजी से बदलाव दिखाई देते हैं। अगर समय रहते इसका निदान नहीं किया गया, तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है। पैरों में सूजन, पेशाब में झाग आना और उसका रंग बदलना, बार-बार पेशाब आना खासकर रात में, थकान, सांस लेने में दिक्कत, भूख न लगना, त्वचा में खुजली जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। किडनी में कोई समस्या होने पर कुछ ब्लड टेस्ट जरूरी हैं। डॉ. समीर भाटी ने किडनी से जुड़ी कुछ ब्लड टेस्ट के बारे में जानकारी दी है।

सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट: इस टेस्ट के जरिए किडनी की कार्यप्रणाली की जांच की जाती है। क्रिएटिनिन एक अपशिष्ट उत्पाद है और मांसपेशियों की हरकत के दौरान बनता है। इसे किडनी द्वारा उत्सर्जित भी किया जाता है। अगर रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाता है, तो यह किडनी फेलियर का संकेत हो सकता है।

सामान्य सीमा- पुरुषों में 0.7 - 1.3 mg/dL और महिलाओं में 0.6 - 1.1 mg/dL

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट: यूरिया प्रोटीन के टूटने के बाद बनने वाला पदार्थ है। यह मात्रा रक्त में पाई जाती है। अगर इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो यह किडनी में किसी समस्या का संकेत है।

सामान्य सीमा -7 – 20 mg/dL

ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट टेस्ट: यह टेस्ट दिखाता है कि आपकी किडनी रक्त को ठीक से फ़िल्टर कर रही है या नहीं। इसकी गणना क्रिएटिनिन स्तर, आयु, लिंग और नस्ल के आधार पर की जाती है। अगर GPR कम है, तो माना जाता है कि किडनी में कुछ समस्या है।

किडनी फंक्शन टेस्ट: यह टेस्ट रक्त में कई मापदंडों की जाँच करता है। इसमें क्रिएटिनिन, BUN, यूरिक एसिड की जाँच की जाती है। इससे किडनी के स्वास्थ्य का अनुमान लगाया जाता है।

यूरिक एसिड टेस्ट: अगर किडनी यूरिक एसिड को निकालने में कुशल नहीं है। तो रक्त में इसकी मात्रा बढ़ जाती है। इससे किडनी में पथरी हो सकती है।

सामान्य सीमा: पुरुषों में 3.4 – 7.0 mg/dL, महिलाओं में 2.4 – 6.0 mg/dL

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